By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 24, 2021
इंदौर/ भोपाल। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में फेरी लगाकर चूड़ियां बेच रहे 25 वर्षीय व्यक्ति को भीड़ द्वारा नाम पूछे जाने के बाद पीटे जाने पर मचे बवाल के बीच तब नया मोड़ आ गया, जब पुलिस ने सोमवार देर रात इस शख्स को 13 वर्षीय स्कूली छात्रा के लैंगिक उत्पीड़न और दस्तावेजों की जालसाजी के आरोपों में हिरासत में लिया। बाणगंगा पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि मूलतः उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के रहने वाले चूड़ी विक्रेता तस्लीम अली (25) को कक्षा छह में पढ़ने वाली छात्रा के लैंगिक उत्पीड़न तथा अन्य आरोपों में हिरासत में लिया गया और उससे पूछताछ जारी है।
अधिकारी के मुताबिक नाबालिग छात्रा ने बाणगंगा थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि रविवार दोपहर तस्लीम अली (25) अपना नाम गोलू पिता मोहनसिंह बताकर चूड़ियां बेचने उसके घर आया और उसने उसे बहुत सुंदर बताते हुए बुरी नीयत से उसके शरीर को छुआ। अधिकारी ने बताया कि नाबालिग लड़की ने शिकायत में कहा कि अली की इस हरकत पर उसने शोर मचाया जिसे सुन उसकी मां मौके पर पहुंची, तब चूड़ी विक्रेता उन्हें जान से मारने की कथित धमकी देकर भागने लगा, लेकिन आस-पड़ोस के लोगों ने पीछा कर उसे पकड़ लिया। उन्होंने प्राथमिकी के हवाले से बताया कि अली द्वारा जल्दबाजी में छोड़ दी गई थैली से दो आधार कार्ड मिले हैं और इनमें से एक में इसके धारक के नाम के रूप में असलीम पिता मोरसिंह दर्ज है, जबकि दूसरे आधार कार्ड में तस्लीम पिता मोहर अली दर्ज है। अधिकारी ने बताया कि लड़की की शिकायत पर अली के खिलाफ लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो एक्ट) और भारतीय दंड विधान की धारा 420 (धोखाधड़ी), 471 (जाली दस्तावेज को असली के रूप में इस्तेमाल करना) और अन्य सम्बद्ध प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी ने बताया कि अली के सामान में अलग-अलग नाम वाले दो आधार कार्ड के साथ जला हुआ मतदाता परिचय पत्र मिला है जिस पर धारक का नाम स्पष्ट नहीं है, लेकिन धारक के पिता के कॉलम में मोहन सिंह छपा दिखाई दे रहा है। इस बीच, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अमीनुल खान सूरी ने मूलतः उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के रहने वाले चूड़ी विक्रेता अली का 44 सेकेंड का वीडियो ट्विटर पर साझा किया है। इस वीडियो में चूड़ी विक्रेता ने कहा, मेरे गांव में बरसों पहले बने एक पहचान पत्र में मेरा बोल-चाल का नाम भूरा लिख दिया गया था, जबकि बाद में बनाए गए आधार कार्ड में मेरा नाम तसलीम अली लिखा गया। इनमें से कोई भी पहचान पत्र फर्जी नहीं है और ये दोनों असली हैं।
अली की पिटाई के मामले के तूल पकड़ने के बीच राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सावन के पवित्र माह में इस शख्स द्वारा खुद को हिंदू बताकर महिलाओं को चूड़ियां बेचने से विवाद की शुरुआत हुई, जबकि वह अन्य समुदाय से ताल्लुक रखता है। मिश्रा ने भोपाल में संवाददाताओं से कहा, गृह विभाग की रिपोर्ट है कि इंदौर में चूड़ी बेच रहे व्यक्ति (तस्लीम अली) ने स्वयं का हिंदू नाम रखा हुआ था, जबकि वह दूसरे समुदाय का है। उसके पास से इस तरह के दो (संदिग्ध) आधार कार्ड भी मिले हैं। गृह मंत्री के मुताबिक अली द्वारा सावन के पवित्र माह में अपना नाम कथित तौर पर बदलकर महिलाओं को चूड़ी बेचने को लेकर विवाद शुरू हुआ था और इस झगड़े से जुडे़ दोनों पक्षों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है।
मिश्रा ने बताया कि अली की पिटाई के आरोप में भीड़ में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। घटना के वायरल वीडियो में भीड़ में शामिल लोग चूड़ी विक्रेता को पीटते दिखाई दे रहे हैं, जबकि वह उनसे छोड़ देने का आग्रह कर रहा है। घटना के दूसरे वीडियो में चूड़ी विक्रेता को पीट रहा एक व्यक्ति उस पर महिलाओं से छेड़-छाड़ का आरोप लगाते हुए मौके पर मौजूद अन्य लोगों को उसकी पिटाई के लिए उकसा रहा है। वीडियो में यह व्यक्ति गाली-गलौज करने के साथ चूड़ी विक्रेता को धमकाते हुए कहता सुनाई पड़ रहा है कि वह (चूड़ी विक्रेता) गोविंद नगर में आइंदा दिखाई नहीं देना चाहिए।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि चूड़ी विक्रेता ने रविवार देर रात सेंट्रल कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई कि गोविंद नगर में भीड़ में शामिल पांच-छह लोगों ने उसका नाम पूछा और जब उसने अपना नाम बताया, तो उन्होंने उसे पीटना शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि चूड़ी विक्रेता ने अपनी शिकायत में यह आरोप भी लगाया कि लोगों ने उसके लिए सांप्रदायिक तौर पर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और उससे 10,000 रुपये की नकदी, मोबाइल फोन, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों के साथ ही करीब 25,000 रुपये मूल्य की चूड़ियां छीन लीं।