मुंबई। वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे बड़े शेयरों में गिरावट के चलते प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स सोमवार को 87 अंक फिसलकर बंद हुआ। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक 86.95 अंक या 0.17 फीसदी की गिरावट के साथ 49,771.29 पर बंद हुआ।दोपहर के कारोबार में एक समय सेंसेक्स 570 अंक तक गिर गया था, हालांकि, बाद में नुकसान की भरपाई हुई। इसी तरह एनएसई निफ्टी 7.60 अंक या 0.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 14,736.40 पर बंद हुआ। सेंसेक्स में सबसे अधिक चार प्रतिशत की गिरावट इंडसइंड बैंक में आई।इसके अलावा पावरग्रिड, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और बजाज फाइनेंस भी लाल निशान में बंद हुए।
दूसरी ओर टेक महिंद्रा, टीसीएस, सन फार्मा, इंफोसिस और एचसीएल टेक में तेजी देखी गई। तुर्की में राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन द्वारा केंद्रीय बैंक के गवर्नर को अचानक हटाए जाने से वहां की मुद्रा लीरा अपने रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिर गई। इससे निवेशकों को झटका लगा। आनंद राठी इक्विटी शोध के नरेंद्र सोलंकी ने कहा कि एशियाई बाजारों से नकारात्मक संकेतों के कारण भारतीय बाजार भी कमजोर हुए और तुर्की की घटना और कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण बाजारों में अस्थिरता बढ़ गई। इस दौरान आईटी, एफएमसीजी और फार्मा शेयरों में जोरदार खरीदारी देखने को मिली, जबकि वित्तीय और ऑटोमोबाइल शेयरों में बिकवाली का दबाव देखा गया।
रिलायंस सिक्योरिटीज के रणनीति प्रमुख बिनोद मोदी ने कहा, ‘‘देश के विभिन्न हिस्सों में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी से चिंता के कारण घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट आई है।’’ इसके अलावा कमजोर वैश्विक रुझानों और अमेरिकी बॉन्ड के उच्च प्रतिफल के चलते भी दबाव देखने को मिला। बीएसई बैंकेक्स, फाइनेंस, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं, उर्जा, दूरसंचार और ऑटो सूचकांक 1.51 फीसदी तक गिर गए, जबकि रियल्टी, आईटी, एफएमसीजी, टेक और स्वास्थ्य सुरक्षा क्षेत्र 2.86 फीसदी तक उछले। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक 0.99 प्रतिशत तक चढ़ गए। एशिया में हांगकांग, सियोल और टोक्यो के बाजार गिरावट के साथ बंद हुए, जबकि शंघाई में तेजी देखने को मिली। इस बीच वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.20 फीसदी की गिरावट के साथ 64.40 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।