By अभिनय आकाश | Jul 28, 2022
महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर देश की सबसे बड़ी अदालत की तरफ से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट की तरफ से ये भी साफ कर दिया गया कि आरक्षण की अनुमति मिलने से पहले जिन 365 स्थानीय निकायों पर चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी थी, वहां बिना आरक्षण के ही चुनाव होंगे। नगर परिषद चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के जजों ने महाराष्ट्र चुनाव आयोग को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर महाराष्ट्र चुनाव आयोग को फटकार लगाते हुए कहा है कि वह किसी के आदेश के तहत आदेश को गलत तरीके से पढ़ने की कोशिश कर रहा है।
कोर्ट ने निर्देश दिया है कि नगर परिषद के चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के कराए जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर राज्य चुनाव आयोग इन निर्देशों का पालन नहीं करता है तो इसे अदालत की अवमानना माना जाएगा। राज्य सरकार ने मांग की थी कि नगर परिषद के चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ कराए जाएं। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को खारिज कर दिया। इस संबंध में चुनाव प्रक्रिया परिणाम घोषित होने के समय शुरू हो गई थी। इसलिए अब सुप्रीम कोर्ट ने वहां ओबीसी आरक्षण लागू करने से इनकार कर दिया है।
नगर परिषदों के चुनाव की घोषणा
राज्य चुनाव आयोग ने नगर परिषदों के चुनाव की घोषणा की थी। जब इन नगर परिषदों के चुनाव की घोषणा हुई तो सुप्रीम कोर्ट ओबीसी आरक्षण को लेकर सुनवाई कर रहा था। जबकि राज्य सरकार इन नगरपालिका परिषदों में ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराने की कोशिश कर रही थी। लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण पर अपना फैसला सुनाया तो इस संबंध में चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई थी। इसलिए अब सुप्रीम कोर्ट ने वहां ओबीसी आरक्षण लागू करने से इनकार कर दिया है। राज्य चुनाव आयोग ने 14 जुलाई को घोषणा की थी कि इन नगर परिषदों के चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं।