By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 07, 2024
पटना। विपक्षी दलों पर ‘‘सनातन धर्म’’ के खिलाफ होने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आरोपों पर सख्त एतराज जताते हुए राजद नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता अपने आपको क्या भगवान समझते हैं, उनका विरोध करना क्या भगवान का विरोध करना है। पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि जनता के असंतोष और लोकसभा चुनाव पर इसके संभावित प्रभाव ने प्रधानमंत्री को ‘‘डरा’’ दिया है, और यही कारण है कि जीत का दावा करने के बावजूद वह गहन प्रचार कर रहे हैं।
बिहार के नवादा जिले में एक रैली में प्रधानमंत्री ने कहा था कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल ‘‘सनातन विरोधी’’ हैं, इस बारे में पूछे जाने पर तेजस्वी ने कहा, ‘‘यह एक प्रधानमंत्री के लिए अशोभनीय है।’’ यादव ने कहा, ‘‘यह सर्वविदित है कि मेरे घर के परिसर में एक छोटा मंदिर है, जहां मेरे परिवार के सभी सदस्य पूजा करते हैं...यह कोई दिखावा करने की चीज नहीं है।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘भाजपा नेता अपने आपको क्या भगवान समझते हैं, उनका विरोध क्या भगवान का विरोध है। जो कोई भी उस पार्टी का विरोध करता है उसे विधर्मी करार दिया जाता है। भगवान सब देख रहे हैं और सबको वहीं जाना है।’’
राजद नेता ने कहा, ‘‘भगवान जब न्याय करेंगे तब इन लोगों को पता चल जाएगा कि अपनी तुलना भगवान से ना करें। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि नवादा के भाषण में प्रधानमंत्री ने उन मुद्दों पर जवाब नहीं दिया जो उन्होंने सुबह-सुबह एक सोशल मीडिया पोस्ट में उठाए थे। तेजस्वी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री से पूछा था, ‘‘वो भाजपा के ‘‘संस्थागत, संगठित और व्यवस्थित भ्रष्टाचार’’ को छुपाने के लिए हमेशा विपक्ष और विपक्षी नेताओं को ही भ्रष्टाचारी तथा घोटालेबाज क्यों बताते रहते हैं।’’ उन्होंने कहा था, ‘‘प्रधानमंत्री बतायेंगे कि कैसे विपक्ष के सभी कथित भ्रष्टाचारी नेता ईडी, सीबीआई एवं आईटी विभाग की मदद से भाजपा में शामिल हुए हैं।’’ पूर्व उपमुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री बतायेंगे कि क्यों जांच एजेंसियां भाजपा नेताओं के घर छापा नहीं मारती, उनकी जांच क्यों नहीं होती।’’
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी यह दावा करने के लिए फटकारा कि राजग के सत्ता में आने से पहले जब राज्य राजद शासन के अधीन था, बिहार में कोई अच्छा काम नहीं हुआ था। राजद, कांग्रेस और वामदलों के साथ महागठबंधन में शामिल रहे जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने जनवरी में अचानक राजद से नाता तोड़ भाजपा नीत राजग में शामिल हो गए थे। नीतीश इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को केंद्र की सत्ता से उखाड फेंकने के लिए इंडिया गठबंधन के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।