By अभिनय आकाश | Apr 03, 2025
अमेरिका की तरफ से जहां दुनियाभर के देशों पर टैरिफ का ऐलान किया गया है। इसका असर भारत, चीन समेत कई यूरोपीय देशों पर सीधा पड़ेगा। वहीं अब ट्रंप के इस कदम के बाद बारी उनके कट्टर दुश्मन शी जिनपिंग की थी। चीन ने एक बड़ा दांव खेला है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि ये चीन और भारत दोनों के साझेदार बनने का सही समय है। शी जिनपिंग ने कहा है कि दोनों देशों को अपनी दोस्ती को औ मजबूत करना चाहिए। चीन के राष्ट्रपति ने कहा है कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच सहयोग की बहुत बड़ी क्षमता है। सवाल ये है कि चीन का इरादा क्या है और इस बाबत भारत को क्या रुख अपनाना चाहिए? चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत को पत्र लिखा है। चीन की तरफ से भारत को कूटनीतिक संबंध के 75 वर्ष होने पर पत्र लिखा गया है।
कई बार ये कहा जाता है कि चीन की कथनी और करनी में अंतर होता है। चीन की बातें मत सुनो चीन जमीन पर क्या कर रहा है, उस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। दरअसल, भारत डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ से निपटने के लिए एक के बाद एक कई कूटनीतिक कदम उठा रहा है। दूसरी तरफ चीन चाश्नी में भरे शब्दों का इस्तेमाल कर भारत को अपनी ओर खींचने की कोशिश कर रहा है। लेकिन आपको याद रहे कि भारत ने ये साफ कर दिया है कि जब तक सीमाएं शांत नहीं होती, तब तक ये रिश्ता आगे नहीं बढ़ सकता। भारत अमेरिका और चीन के बीच तनाव में कोई जल्दबाजी बिल्कुल नहीं दिखा रहा है। भारत वेट एंड वॉच की नीति अपना रहा है। भारत जापान, ऑस्ट्रेलिया, यूरोपीय देशों के साथ रिश्तों को और मजबूत कर रहा है। चीन पर निर्भरता को कम कर अपनी आत्मनिर्भरता को और बढ़ा रहा है। सप्लाई चेन मैनेजमेंट में भारत एक बहुत बड़ी शक्ति के रूप में उभरने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है। चीन भारत व्यापार अब तक चीन के ही पक्ष में रहा है।
चीन के राजदूत झू फियांग ने कहा है कि व्यापार असंतुलन को ठीक करने के लिए भारत से ज्यादा प्रोडक्ट्स आयात करेंगे। बता दें कि अभी भारत चीन से ज्यादा आयात करता है। चीन, जापान और दक्षिण कोरिया ने हाथ मिलाया: चीन, जापान और दक्षिण कोरिया ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की बड़ी तैयारियां शुरू कर दी हैं। ये तीनों देश ट्रम्प के 3 अप्रैल से लागू होने वाले 25% ऑटो टैरिफ से मुख्य रूप से प्रभावित होने वाले हैं। लेकिन इस मौके का फायदा उठाकर भारत को व्यापार संतुलन बनाने और कूटनीति को अपनी दिशा में आगे बढ़ाने का बहुत सुनहरा मौका मिल चुका है। चीन भारत को अमेरिका से दूर करना चाहता है। लेकिन चीन की इस चाल को भारत अच्छी तरह से समझता है। अमेरिका से रणनीतिक रिश्ते मजबूत करते हुए भारत ने चीन से सतर्क दूरी बनाई हुई है।