यदि आप आईटीआर फाइलिंग की आखिरी तारीख मिस कर चुके हैं तो भी निश्चिंत रहिए, क्योंकि कुछ लोगों को इसके बाद भी नहीं भरना पड़ेगा जुर्माना

By कमलेश पांडे | Aug 10, 2023

यदि आप आईटीआर फाइलिंग की आखिरी तारीख मिस कर चुके हैं तो भी निश्चिंत रहिए, क्योंकि कुछ लोगों को इसके बाद भी जुर्माना नहीं भरना पड़ेगा। दरअसल, इस वर्ष आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2023 थी, जो बीत चुकी है। इसलिए ऐसे लोग जो समय पर आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन मिस कर चुके हैं, तो उन्हें बिलेटेड आईटीआर फाइल करते समय निर्धारित जुर्माने का भुगतान करना पड़ेगा। हालांकि, कुछ ऐसे 'भाग्यशाली' व्यक्ति हैं जो आईटीआर फाइलिंग की समय सीमा समाप्त होने के बाद भी जुर्माना दिए बिना ही अपना आईटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न) दाखिल कर सकेंगे। क्योंकि इनके लिए आयकर रिटर्न भरने में देरी होने पर भी जुर्माने में छूट का प्रावधान तय है। बस यह बात उन्हें समझनी जरूरी है।


तो आइए एक नजर डालते हैं कि आईटीआर फाइलिंग की समय सीमा से चूकने पर किन-किन लोगों को जुर्माने का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। आयकर कानून के मुताबिक, आईटीआर फाइलिंग की समय सीमा समाप्त होने के बाद आईटीआर दाखिल करने के लिए हर किसी को विलंब शुल्क का भुगतान करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि अगर कोई व्यक्ति जिसकी सकल कुल आय मूल छूट सीमा से अधिक नहीं है और वह देर से आईटीआर दाखिल करता है, तो वह विलम्ब से आईटीआर दाखिल करने के लिए जुर्माना भरने के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।


# समझिए, आयकर की धारा 234एफ के तहत विलम्ब से आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों को भी मिलती है छूट

आयकर विभाग ने अपने एक आधिकारिक बयान में बताया है कि, 'यदि सकल कुल आय मूल छूट सीमा से अधिक नहीं होती है तो समयसीमा के बाद दाखिल किए गए आईटीआर पर धारा 234एफ के तहत उल्लिखित विलंब शुल्क नहीं लगेगा। वहीं, 'धारा 139(1) में उल्लिखित सकल कुल आय का मतलब अधिनियम के तहत धारा 80सी से 80यू के तहत कटौती को ध्यान में रखने से पहले कुल आय से होती है। 

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# जानिए, किसी व्यक्ति पर लागू मूल कर छूट उसके द्वारा चुनी गई कर व्यवस्था पर करती है निर्भर, इसलिए बरतिए पूरी सावधानी

मौजूदा कर कानूनों के मुताबिक, किसी व्यक्ति पर लागू मूल कर छूट सीमा उसकी ओर से चुनी गई कर व्यवस्था पर ही निर्भर करती है। क्योंकि यदि कोई व्यक्ति नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनता है, तो मूल छूट सीमा 2.5 लाख रुपये होगी, भले ही उसकी उम्रसीमा कुछ भी हो। हालांकि, यदि कोई व्यक्ति पुरानी कर व्यवस्था का विकल्प चुनता है, तो मूल छूट सीमा व्यक्ति की उम्र पर निर्भर करती है। 


वर्तमान में, 60 वर्ष से कम आयु के निवासी व्यक्तियों के लिए मूल छूट सीमा 2.5 लाख रुपये है। वहीं, 60 वर्ष और उससे अधिक किन्तु 80 वर्ष से कम आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए, 3 लाख रुपये तक की आय को कर से छूट दी गई है। वहीं, अति वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष से अधिक आयु के) के लिए, मूल छूट सीमा 5 लाख रुपये तक है। 


यहां पर यह स्पष्ट कर दें कि बजट 2023 ने नई कर व्यवस्था के तहत नए आयकर स्लैब की घोषणा की है। हालांकि, नई कर व्यवस्था के अंतर्गत नए आयकर स्लैब चालू वित्त वर्ष 2023-24 (यानी 1 अप्रैल, 2023 और 31 मार्च, 2024 के बीच) और वित्त वर्ष 2023-24 (आकलन वर्ष 2024-25) के लिए अगले साल आईटीआर दाखिल करते समय अर्जित आय के लिए लागू होंगे।


# विलम्ब से आईटीआर दाखिल करने से सम्बंधित उपरोक्त नियम के ये हैं अपवाद

यद्यपि, उपरोक्त नियम के दो अपवाद हैं- पहला अपवाद व्यक्तियों के कुछ समूहों/वर्गों के लिए आईटीआर दाखिल करना अनिवार्य है, भले ही उनकी सकल कुल आय मूल छूट सीमा से अधिक न हो। 

जानकारों के मुताबिक, 'अगर कोई व्यक्ति धारा 139 (1) के सातवें नियम में उल्लिखित किसी भी शर्त को पूरा करता है, तो उसे वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अनिवार्य रूप से आईटीआर दाखिल करना होगा। यदि वह ऐसा नहीं करता है तो उस पर धारा 234 एफ के तहत शुल्क लगाया जाएगा।


# जानिए, धारा 139 (1) के सातवें नियम के तहत कौन कौन व्यक्ति आते हैं-

पहला, ऐसे व्यक्ति जिन्होंने अपने बैंक या सहकारी बैंक के एक या अधिक चालू खातों में 1 करोड़ रुपये से अधिक की राशि या कुल राशि जमा की है।

दूसरा, जिन्होंने किसी विदेशी यात्रा के लिए अपने या किसी अन्य व्यक्ति के लिए 2 लाख रुपये से अधिक की राशि या कुल राशि का व्यय किया है।

तीसरा, ऐसे व्यक्ति जिन्होंने बिजली की खपत के लिए 1 लाख रुपये से अधिक की राशि या कुल राशि का व्यय किया है।

ऐसे व्यक्ति जो उपरोक्त में से किसी भी एक कारण के अंतर्गत आते हैं। 

ऐसे में यदि आप ऊपर उल्लेखित किसी भी शर्त के अंतर्गत आते हैं तो आपको अनिवार्य रूप से आईटीआर दाखिल पड़ेगा। ऐसी स्थिति में आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपने समय सीमा से पहले अपना टैक्स रिटर्न दाखिल कर लिया है, अन्यथा आपको विलंब शुल्क भरना पड़ेगा, भले ही आपकी सकल कुल आय कर योग्य सीमा से नीचे हो। 


# समझिए, विदेशी संपत्ति से आमदनी होने पर भी भरना पड़ेगा जुर्माना

दूसरा अपवाद यह है कि यदि आप विदेशी संपत्ति रखते हैं जैसे कि विदेशी कंपनी के स्टॉक इत्यादि और उस विदेशी संपत्ति से आपको आमदनी होती है तो आपको हर हाल में समय से पहले आईटीआर दाखिल करना पड़ेगा। ऐसा नहीं करने पर आपको जुर्माना भरना पड़ेगा, फिर चाहे आपकी  आमदनी कुल आय कर योग्य सीमा से कम ही क्यों ना हो।

इसलिए बेहतर यही होगा कि आप आईटीआर फाइलिंग की आखिरी तारीख कदापि मिस नहीं करें, अन्यथा अपने अनुकूल नियमों की पूरी जानकारी रखें


- कमलेश पांडेय

वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार

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