By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 24, 2020
नयी दिल्ली। बांग्लादेश के स्टार आलराउंडर शाकिब अल हसन को खेद है कि भारतीय सट्टेबाज के संपर्क करने की जानकारी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को नहीं देने की उनकी ‘बेवकूफाना गलती’के कारण उन पर खेल से एक साल का प्रतिबंध लगा। शाकिब को दो साल के लिए प्रतिबंधित किया गया है जिसमें एक साल का निलंबित प्रतिबंध है। इंडियन प्रीमियर लीग के एक टूर्नामेंट के दौरान कथित भारतीय सट्टेबाज दीपक अग्रवाल के भ्रष्ट संपर्क करने की जानकारी नहीं देने पर उन्हें प्रतिबंधित किया गया था। ‘क्रिकबज इन कनवर्शेशन’ के दौरान शाकिब ने हर्षा भोगले से कहा, ‘‘जब मैं भ्रष्टाचार रोधी अधिकारी से मिला तो मैंने संपर्क करने की घटना को काफी हल्के में लिया और उन्हें बता दिया और उन्हें सब पता है। उन्हें सभी साक्ष्य दिए और जो हुआ उन्हें सब पता है।’’ आईसीसी की जांच के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो यही एकमात्र कारण है कि मुझे एक साल के लिए प्रतिबंधित किया गया, अन्यथा मुझ पर पांच या 10 साल का प्रतिबंध लगता।’’ प्रतिबंध से पहले बेहतरीन फार्म में चल रहे शाकिब ने ब्रिटेन में 2019 विश्व कप में 606 रन बनाये थे।
उन्होंने कहा कि जिस तरह स्थिति से वह निपटे उस पर उन्हें खेद है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मैंने बेवकूफाना गलती की क्योंकि अपने अनुभव और मैंने जितने अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं और आईसीसी की भ्रष्टाचार रोधी आचार संहिता की जितनी क्लास ली हैं उसके आधार पर मुझे फैसला करना चाहिए था।’’ इस घटना से सबक सीख चुके शाकिब ने सभी युवा क्रिकेटरों को सलाह दी कि इस तरह के संदेशों को कभी हल्के में नहीं लें। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इसका खेद है। किसी को भी इस तरह के संदेशों या फोन (सट्टेबाजों के) को हल्के में नहीं लेना चाहिए या नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सुरक्षित रहने के लिए हमें इसकी जानकारी आईसीसी की भ्रष्टाचार रोधी इकाई के अधिकारी को देनी चाहिए और मैंने यह सबक सीखा और मुझे लगता है कि यह बड़ा सबक है। ’’ शाकिब ने कहा कि उनमें थोड़ा दंभ आ गया था और उन्हें कभी नहीं लगा कि सट्टेबाज के संपर्क करने की जानकारी तुरंत नहीं देकर वह कुछ गलत कर रहे हैं। इस आलराउंडर का प्रतिबंध 29 अक्टूबर को खत्म होगा।