By अभिनय आकाश | Apr 17, 2020
कोरोना वायरस से बनी परिस्थितियों को देखते हुए जहां केंद्र और कई राज्य सरकारें लगातार लोगों को राहत देने के एलान कर रही है वहीं आज देश का केंद्रीय बैंक आरबीआई भी इस मुद्दे को लेकर मीडिया के सामने आया। आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास सुबह 10 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के बीच बैंक वित्तीय कमर्चारियों का धन्यवाद देते हुए कहा कि देश के आर्थिक हालात पर आरबीआई की पैनी नजर है, मुश्किल वक्त में भी हमारे पास उम्मीद है। वित्तीय नुकसान कम करने की सभी कोशिशें जारी है।
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आरबीआई गवर्नर ने कहा कोरोना से लड़ाई में हमारी पूरी टीम जुटी है और अंधेरे के वक्त उजाले की ओर देखना है। जर्मनी-जापान की साझा अर्थव्यवस्था से भी ज्यादा कोरोना से नुकसान। दुनिया में 9 ट्रिलियन डॉलर के नुकसान की आशंका है। भारत के हालात बाकी देशों से बेहतर हैं। जी-20 देशों में हमारी अर्थव्यवस्था सबसे अच्छी है। दुनिया में कच्चे तेल के दाम लगातार गिर रहे हैं। लॉकडाउन के बावजूद भारत के कई राज्यों में फसलों की कटाई हो रही है। देश की जीडीपी 1.9% रहने का अनुमान। कोरोना का दौर जाने के बाद 7.2 विकास दर का अनुमान।
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आरबीआई गवर्नर ने साफ किया कि देश में अनाज की कोई कमी नहीं है। 2020-21 में 7.4 विकास दर रहने का आईएमएफ का अनुमान है। एटीएम पूरी क्षमता के 90 प्रतिशत काम कर रहे हैं। आरबीआई गवर्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मार्च 2020 में निर्यात में भारी गिरावट आई है, इसके बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार 476 अरब डॉलर का है जो 11 महीने के आयात के लिए काफी है।
10 बड़ी बातें
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बता दें कि इससे पहले 27 मार्च को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एलान किया था कि रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती की गई है और ये 5.15 फीसदी से घटाकर 4.40 फीसदी कर दी गई है। मालूम हो कि रेपो रेट वो है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है लिहाजा रेपो रेट कम होने से बैंकों की लोन की लागत कम होगी और इससे लोन लेने वालों की ईएमआई सस्ती होने की पूरी उम्मीद है।इसके अलावा आरबीआई ने सभी बैंकों को सलाह दी थी कि वो ग्राहकों से तीन महीने के लिए ईएमआई को लेने के लिए टाल दें।