By रेनू तिवारी | May 05, 2020
देशभर में कोरोना वायरस से बचने के लिए इस समय लॉकडाउन चल रहा है ऐसे में सरकार ने तीसरी बार लॉकडाउन को बढ़ाया है। इस बार लॉकडाउन बढ़ाते वक्त लोगों को काफी छूट भी दी गई हैं। कुछ महत्वपूर्ण कामों के अलावा शराब की दुकाने भी खोल दी गई है। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ अब शराब खरीदी जा सकेगी। सरकार के इस कदम ने काफी लोगों नाखुश दिखाई पड़े। उन्होंने सरकार के इस कदम के लिए उनकी आलोचना की। जावेद अख्तर और रवीना टंडन जैसे सितानों ने सरकार की अलोचना की है। वहीं कुछ लोग शराब की दुकाने खुलने से काफी खुश है। जिस दिन सरकार ने ठेके खोलने का आदेश दिया उस दिन देश के हालात काफी खराब नजर आये लोगों ने शराब खरीदने के लिए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा दी।
देश के अलग-अलग शहरों से बेहद शर्मनाक तस्वीरें सामने आयी। उन तस्वीरों में से एक तस्वीर ऐसी भी थी जिसमें लड़कियों ने शराब खरीदने के लिए लाइन लगा रखी थी। ये तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई। इस वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए बॉलीवुड के निर्देशक राम गोपाल वर्मा ने भी कमेंट किया। राम गोपाल के इस कमेंट से सिंगर सोना महापात्रा नाराज हो गई।
सोना महापात्रा, राम गोपाल वर्मा के ट्वीट से बिल्कुल भी सहमत नहीं हैं। सोमवार को फिल्म निर्माता ने एक ट्वीट में सुझाव दिया कि शराब खरीदने वाली महिलाओं को घरेलू हिंसा की शिकायत नहीं करनी चाहिए।
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कई मशहूर हस्तियों और राजनीतिक हस्तियों ने देश में घरेलू हिंसा के पहले से बढ़ रहे मामलों का हवाला देते हुए शराब की दुकानों को फिर से खोलने के सरकार के फैसले की आलोचना की है। उनका मानना है कि शराब का सेवन महिलाओं और बच्चों के लिए और भी ज्यादा हानिकारक साबित हो सकता है, जो अपने घर में एक हिंसक परिवार के सदस्य के साथ असुरक्षित हैं।
लेकिन राम गोपाल वर्मा सहमत नहीं दिख रहे थे। उन्होंने सोमवार को कतारों में शराब के लिए लाइन लगा रही महिलाओं की एक तस्वीर साझा की और लिखा, देखिए जरा, शराब की दुकान पर लाइन में कौन खड़ा है...शराबी आदमियों से महिलाओं की सुरक्षा के लिए है।'
सोना महापात्रा ने जवाब दिया प्रिय राम गोपाल वर्मा, आपको उन लोगों में शामिल किए जाने का वक्त है, जिन्हें असली शिक्षा दी जानी चाहिए। पहली बात आपको यह समझना चाहिए कि कैसे आपका यह ट्वीट लिंगभेद को दर्शाता है और नैतिकता की गलत व्याख्या करता है। महिलाओं को पुरुषों की तरह शराब खरीदने और पीने का अधिकार है। किसी को शराब के नशे में हिंसा करने का अधिकार नहीं है।'