हाई-स्पीड नेटवर्क की वर्ष 2022 तक शुरूआत होने की संभावना

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 30, 2017

नयी दिल्ली। भारतीय रेलवे की चार महानगरों दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई और कोलकाता को आपस में जोड़कर यात्रा समय घटाने की महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत तीव्र गति नेटवर्क के अगस्त 2022 तक शुरू होने की संभावना है। सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इसके तहत 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से तीव्र गति नेटवर्क शुरू किया जायेगा। इस नेटवर्क पर ट्रेनों की मौजूदा औसत गति लगभग 88-90 किलोमीटर प्रतिघंटा है।

स्वर्णिम चतुभुर्ज नाम की इस परियोजना के तहत चार प्रमुख शहरों को जोड़ने वाले सेमी-हाई स्पीड मार्गों के 10,000 किलोमीटर नेटवर्क के निर्माण का विचार है और इसके भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर 15 अगस्त, 2022 को शुरूआत होने की संभावना है। गत 28 नवम्बर को हुई एक बैठक में रेलवे बोर्ड ने चार महानगरों-दिल्ली-मुम्बई, दिल्ली-हावड़ा, दिल्ली-चेन्नई, चेन्नई-हावड़ा, चेन्नई-मुम्बई और हावड़ा-मुम्बई को परस्पर जोड़ने की रूपरेखा बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी।

नीति आयोग ने परियोजना का मूल्यांकन किया है और इसे कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है। रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हम रूपरेखा को अंतिम रूप दे रहे है और देश की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के आसपास अगस्त 2022 तक नेटवर्क की आधिकारिक शुरूआत के प्रयास किये जा रहे है।’’

वर्ष 2017-2018 के बजट में दिल्ली-मुम्बई और दिल्ली-हावड़ा मार्गों को शामिल किया गया है और इनके लिए क्रमश: 11,189 करोड़ रुपये और 6,975 करोड़ रुपये निर्धारित है। अन्य चार मार्गों को वर्ष 2018-2019 की कार्य सूची में शामिल करने के लिए प्रक्रिया चल रही है। मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इस परियोजना के लिए लगभग 36,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट आवंटन की जरूरत होगी।

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