No confidence motion पर मंगलवार को बोलेंगे Rahul Gandhi, प्रियंका गांधी बोलीं- फिर गूंजेगी की आवाज

By अंकित सिंह | Aug 07, 2023

सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी मंगलवार (8 अगस्त) को अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में कांग्रेस की ओर से बोलने के लिए तैयार हैं। गांधी को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली, जब उन्होंने मोदी उपनाम वाली टिप्पणी पर 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगा दी। इसके बाद उनकी संसद सदस्यता बहाल कर दी गई। संसद की सदस्यता बहाल होने के कुछ घंटे बाद गांधी सोमवार को संसद पहुंचे थे। जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी मंगलवार को 12 बजे अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में कांग्रेस की तरफ से बोलेंगे। वहीं, प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि  देश की जनता के असल मुद्दों की आवाज एक बार फिर संसद में गूँजेगी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष करने वाले लाखों कांग्रेस कार्यकर्ताओं व इन्साफ और सच की लड़ाई में समर्थन देने वाले करोड़ों देशवासियों का तहे दिल से धन्यवाद।

 

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I.N.D.I.A गठबंधन ने किया स्वागत

मुख्य विपक्षी कांग्रेस पार्टी के नेता 53 वर्षीय गांधी को 2019 में एक चुनावी रैली के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के उपनाम के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए निचली अदालत ने दो साल जेल की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी। इसके साथ ही राहुल गांधी के चुनाव लड़ने का रास्ता भी साफ हो गया। राहुल गांधी के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला किसी संजीवनी से कम नहीं है। साथ ही साथ विपक्षी एकता को भी मजबूती देगा। वह अब संसद के मौजूदा सत्र में भाग लेने के लिए लोकसभा पहुंचे थे। I.N.D.I.A गठबंधन के नेताओं ने संसद में उनका स्वागत करते हुए 'राहुल गांधी जिंदाबाद' के नारे लगाए।

 

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बढ़ा आत्मविश्वास

भारतीय कानून दो या अधिक साल की जेल की सजा पाने वाले किसी भी व्यक्ति को सजा खत्म होने के बाद छह साल तक चुनाव लड़ने से रोकता है। मार्च में एक निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद, गांधी को नियमों के अनुरूप एक विधायक के रूप में लगभग तुरंत अयोग्य घोषित कर दिया गया था। गांधी ने खुद को मोदी और उनकी भारतीय जनता पार्टी के लिए एक चुनौती के रूप में स्थापित किया है। दक्षिणी राज्य कर्नाटक में स्थानीय चुनावों में कांग्रेस की हालिया जीत ने गांधी की पार्टी को बहुत जरूरी बढ़ावा दिया है। राजनेता की संसद और चुनावों से प्रारंभिक अयोग्यता, एक राजनीतिक फ्लैश प्वाइंट बन गई थी। दो दर्जन से अधिक विपक्षी दल कांग्रेस के साथ एकजुट हो गए हैं और अगली गर्मियों में राष्ट्रीय चुनावों में मोदी को हराने की कसम खाई है।

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