By अनुराग गुप्ता | Oct 28, 2021
साउथ अफ्रीका के विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक ने खुद को ब्लैक लाइव्स मैटर (BLM) से अलग करते हुए क्रिकेट साउथ अफ्रीका (CSA) का आदेश मानने से इनकार कर दिया था। लेकिन अब उन्होंने अपने फैसले में बदलाव किया है और वो ब्लैक लाइव्स मैटर अभियान के तहत मैदान पर घुटने के बल बैठने के लिए तैयार हो गए हैं।
नस्लीय जिन्न को नहीं जगाना चाहते हैं डिकॉक
साउथ अफ्रीका की टीम में भेदभाव वाला नस्लीय जिन्न बहुत पुराना है और इसके चलते उन्हें क्रिकेट से भी दूर रहना पड़ा था। साउथ अफ्रीका ने साल 1968-69 में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज खेलने से इनकार कर दिया था क्योंकि इंग्लैंड की टीम में एक अश्वेत खिलाड़ी थी। इसके बाद साल 1970 में आईसीसी ने रंगभेद नीति को लेकर साउथ अफ्रीका टीम के खिलाफ वोट किया था। दरअसल, यह वोटिंग साउथ अफ्रीका टीम को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से निलंबित करने के लिए की गई थी।साउथ अफ्रीका के नस्लीय जिन्न की वजह से बहुत से बेहतरीन खिलाड़ियों का कॅरियर भी खराब हो गया वरना साउथ अफ्रीका को पहले भी बेहतरीन खिलाड़ी मिलते। दरअसल, साउथ अफ्रीका की सरकार ने रंगभेद को लेकर नीति का निर्माण किया था। जिसके तहत उनकी टीम श्वेत देशों के साथ ही मुकाबला खेल सकती थी। इसके अलावा उनकी यह भी शर्त रहती थी कि विपक्षी टीम में श्वेत खिलाड़ी ही खेलें। साउथ अफ्रीका की इस नीति की वजह से वहां के क्रिकेट को काफी नुकसान पहुंचा। हालांकि, 21 साल बाद उन्होंने रंगभेद वाली नीति को समाप्त किया। जिसके बाद साल 1991 में एक बार फिर साउथ अफ्रीका टीम की वापसी हुई।क्या बोले डिकॉक ?विकेटकीपर बल्लेबाज डिकॉक ने कहा कि मैं जिस पीड़ा, भ्रम और गुस्से का कारण बना, उसके लिए मुझे गहरा खेद है। मैं अबतक इस महत्वपूर्ण मसले पर चुप था। लेकिन मुझे लगता है कि अब मुझे अपनी बात को थोड़ा स्पष्ट करना चाहिए। जब भी हम विश्व कप में खेलने के लिए जाते हैं तो ऐसा कुछ होता है। यह उचित नहीं है। मैं अपने साथियों विशेषकर कप्तान तेम्बा बावुमा का सहयोग के लिए आभार व्यक्त करता हूं।उन्होंने कहा कि लोग शायद पहचान न पाएं, लेकिन वह एक शानदार कप्तान है। अगर वह और टीम और साउथ अफ्रीका के लोग मेरे साथ होंगे तो मैं अपने देश के लिए फिर से क्रिकेट खेलने के अलावा और कुछ नहीं चाहूंगा। क्रिकेट साउथ अफ्रीका के द्वारा जारी किए गए बयान में डिकॉक ने कहा कि जिस तरह से मैच से कुछ घंटे पहले खिलाड़ियों के लिए आदेश जारी किया गया उस रवैये के कारण उन्होंने मैच से पहले घुटने के बल बैठने से इनकार कर दिया था।
उन्होंने कहा कि जो नहीं जानते हैं, उन्हें मैं यह बताना चाहता हूं कि मैं एक मिश्रित जाति परिवार से आता हूं। मेरी सौतेली बहनें अश्वेत हैं और मेरी सौतेली मां अश्वेत है। अश्वेत जीवन मेरे जन्म से ही मेरे लिए मायने रखता है। सिर्फ इसलिए नहीं कि एक अंतरराष्ट्रीय अभियान है।