By अंकित सिंह | Jul 22, 2023
2024 चुनाव को लेकर विपक्षी एकता की कवायद पूरी तरीके से जारी है। विपक्षी एकता के मंच को इंडिया नाम दिया गया है। भले ही राष्ट्रीय स्तर पर नेता एक साथ फोटो खींचा रहे हैं। लेकिन जमीनी स्तर पर उनके बीच वार-पलटवार का दौर जारी है। पंजाब में भी यही देखने को मिला है। पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक दूसरे के खिलाफ है। इन सबके बीच पंजाब कांग्रेस आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के पूरी तरीके से खिलाफ है। पंजाब कांग्रेस के नेताओं का साफ तौर पर कहना है कि हम यहां लगातार अकेले दम पर चुनाव लड़ते रहे हैं। हम यहां की मुख्य पार्टी रहे हैं। हमें आम आदमी पार्टी से मुकाबला करना है ।ऐसे में हम उनसे गठबंधन कैसे कर सकते हैं।
पंजाब विधानसभा में कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आम आदमी पार्टी से गठबंधन का खुलकर विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करूंगा और इस विषय पर पूरी बात रखूंगा। उन्होंने अपने बयान में कहा कि कांग्रेस लंबे समय से पंजाब की दो प्रमुख पार्टियों में से एक रही है। लोग बदलाव चाहते थे, वे इन लोगों (आप) को सत्ता में लाए और लोगों को परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब आर्थिक, कानून व्यवस्था और अन्य तरह से पीड़ित रहा है। मुझे यकीन है कि 2024 के संसदीय चुनावों में कांग्रेस बड़े अंतर से वापस आएगी।
बाजवा ने कहा कि एक गठबंधन का नेतृत्व भाजपा कर रही है और दूसरे का नेतृत्व कांग्रेस कर रही है, इसलिए जब वे अपना वोट डालेंगे तो वह या तो भाजपा के लिए होगा या कांग्रेस के लिए।उन्होंने कहा कि AAP का कहीं भी पता नहीं। हमें AAP के साथ गठबंधन क्यों करना चाहिए? इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस इकाई इसके (आप के साथ गठबंधन बनाने) पूरी तरह से खिलाफ है... मैं सोमवार को मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलूंगा और उनसे उनके (आप के साथ) गठबंधन नहीं करने का अनुरोध करूंगा। हम पहले भी उनके साथ गठबंधन में नहीं थे और भविष्य में भी नहीं रहेंगे।