By विजयेन्दर शर्मा | Sep 25, 2021
शिमला। पीएम केयर फंड के नाम पर सरकार ने न्यायालय में बताया है कि यह फंड सरकारी नहीं है।लेकिन जिस तरह से जनता से इस फंड में धन ठगा गया,सरकारी कर्मचारियों के वेतन से पैसे काटे गए वह साफ तौर पर देश की जनता के साथ चार सौ बीसी की गई है।सरकार द्वारा जनता से की गई इस धोखाधड़ी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
यह बात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता दीपक शर्मा ने आज मीडिया से कही।उन्होंने कहा कि पीएम केयर फंड में अरबों रुपए इकट्ठा किया गया और इस पैसे का मोदी सरकार ने जम कर दुरुपयोग किया।कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि देश की जनता को गुमराह करके और झूठ बोल कर इस फंड में धन इकट्ठा किया गया।जनता की आंखों में धूल झौंकने के उद्देश्य से फ़र्ज़ी ऑडिट की व्यवस्था की गई है।
दीपक शर्मा ने कहा कि इस फंड में दान नहीं फ़र्ज़ी उगाही की गई है।सरकार द्वारा न्यायालय में साफ बताया गया है कि यह सरकारी फंड नहीं है।दीपक शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार ने सोची समझी साजिश के तहत इस फंड का निर्माण किया और प्रधानमंत्री राहत कोष को दरकिनार किया गया। जब प्रधानमंत्री राहत कोष अस्तित्व में था तो इस तरह के फंड की क्या ज़रूरत थी।देश मोदी सरकार से इस फंड की पूरी सच्चाई जानना चाहता है ।अतः सरकार इस फंड में इकट्ठे किये गए एवम खर्च किए गए धन की पाई पाई का हिसाब सार्वजनिक करे।
उन्होंने कहा कि अगर इस फंड का दुरुपयोग नहीं हुआ है तो सरकार को इसके जमा खर्च बारे स्थिति सार्वजनिक करने में कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि जब इस फंड की स्थापना की जा रही थी कांग्रेस पार्टी ने उस समय भी इसका विरिध जताया था।उन्होंने कहा कि केंद्र की तर्ज पर हिमाचल में भी कोविड केयर फंड के जमा-खर्च बारे श्वेत पत्र जारी किया जाना चाहिए।जिस तरह से अपनों को लाभ देने के उद्देश्य से इस फंड का दुरुपयोग हुआ है वह आपत्तिजनक है।
दीपक शर्मा ने कहा कि अगर भाजपा सरकारें इस बारे पाक साफ हैं तो फिर इसका लेखा-जोखा सार्वजनिक करने में क्यों आनाकानी की जा रही है।उन्होंने कहा कि करोना संकटकाल को भाजपा सरकारों ने आपदा में लूट का अवसर समझ कर इस्तेमाल किया जिसके लिए इतिहास इन्हें कभी मुआफी नहीं करेगा।