By नीरज कुमार दुबे | Sep 01, 2023
मोदी सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया है कि वह जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने के लिए तैयार है। सरकार ने कहा है कि यह चुनाव आयोग को तय करना है कि चुनाव कब कराने हैं। सरकार ने हालांकि जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोई निश्चित अवधि नहीं बताई है। ऐसे में जम्मू-कश्मीर में चुनावों को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गयी है। विभिन्न पार्टियों के नेता अपनी अपनी बैठकें करने में लगे हैं। कोई विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुट गया है तो कोई अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों की तैयारी में लग गया है।
इसके अलावा मुंबई में विपक्षी गठबंधन इंडिया की बैठक में भी मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की रणनीति बनाई गयी है। दूसरी ओर भाजपा का कहना है कि मोदी सरकार कश्मीर में शांति और विकास लेकर आई है इसलिए जनता इस बार प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर ही वोट देगी। प्रभासाक्षी संवाददाता ने जब इस बारे में कश्मीर में स्थानीय लोगों से बातचीत की तो सभी ने माना कि इसमें कोई दो राय नहीं कि जम्मू-कश्मीर के हालात में बड़ा बदलाव आया है। लोगों ने माना है कि मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए और विपक्षी गठबंधन इंडिया के बीच जोरदार टक्कर हो सकती है। वैसे अधिकतर लोगों का पलड़ा प्रधानमंत्री मोदी के पक्ष में झुका दिखा। कई लोगों ने कहा कि एक तरफ अकेला शेर है दूसरी तरफ बाकी सारे उससे लड़ने के लिए एकत्रित हो गये हैं। एक स्थानीय महिला ने कहा कि कश्मीर के सुरक्षित होने का फायदा सबसे ज्यादा महिलाओं को मिला है। उन्होंने कहा कि चुनावों के समय बहुत से दल बहुत-सी बातें कहते हैं लेकिन जनता समझदार है वह सब देख रही है और चुनावों के समय अपना फैसला सुनायेगी।