By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 03, 2024
नयी दिल्ली । श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कहा कि उसने आर्थिक रूप से कमजोर श्रमिकों को प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) का लाभ देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मंत्रालय ने बयान में कहा कि उसने राज्य सरकारों से प्रवासी श्रमिकों, भवन निर्माण मजदूरों, बीड़ी श्रमिकों, सिनेमा श्रमिकों, गैर-कोयला खदान श्रमिकों, ठेका मजदूरों और अन्य असंगठित श्रमिकों को पीएमएवाई के तहत शामिल करने को कहा है। यह निर्णय पीएमएवाई के कार्यान्वयन को वित्त वर्ष 2024-25 से वित्त वर्ष 2028-29 तक बढ़ाने के प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद लिया गया है।
इसके जरिये पात्र लाभार्थियों को दो करोड़ अतिरिक्त घर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इस पहल में आर्थिक रूप से कमजोर श्रमिकों को घर की जरूरत पूरी करने पर जोर दिया गया है। श्रम मंत्रालय के मुताबिक, ये श्रमिक समाज के वंचित वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं और पीएम आवास योजना के दायरे में उन्हें लाना सामाजिक न्याय का मामला होने के साथ उनके जीवनस्तर को बेहतर बनाने की दिशा में एक जरूरी कदम भी है। मंत्रालय ने कहा कि निर्माण और प्रवासी श्रमिकों के लिए 21 अगस्त, 2024 को शुरू किया गया प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) पोर्टल अब पूरी तरह से चालू हो गया है।
इस पोर्टल को आंकड़ों के संग्रह और विश्लेषण की सुविधा के लिए बनाया गया है। इसमें बीमा, स्वास्थ्य लाभ और आवास योजनाओं जैसी विभिन्न केंद्रीय एवं राज्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत कोष के उपयोग और श्रमिकों के कवरेज की जानकारी शामिल है। केंद्रीकृत डेटा प्रबंधन प्रणाली राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों को सटीक निर्णय लेने और इन वंचित श्रमिकों की जरूरतों के अनुरूप अधिक प्रभावी कल्याणकारी नीतियां विकसित करने में सक्षम बनाएगी। मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों में तैनात कल्याण आयुक्तों को इन पहल के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया है।
इस बीच, रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना पर हितधारक परामर्श की कड़ी के तहत केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को राजधानी में नियोक्ता संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की। मांडविया ने कहा कि रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना अधिक समृद्ध और समावेशी भारत बनाने के साझा लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मंडाविया ने कहा, ‘‘हम एक ऐसी योजना तैयार करने के लिए हितधारकों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो मजबूत, समावेशी और अर्थव्यवस्था की जरूरतों के अनुरूप हो।