By अंकित सिंह | Jun 20, 2022
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष लगातार बैठक कर रहा है। 15 जून को ममता बनर्जी के नेतृत्व में दिल्ली में एक विपक्ष की अहम बैठक हुई थी। इसके बाद 21 जून को मुंबई में शरद पवार ने भी एक बड़ी बैठक बुलाई है। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की ओर से यह दूसरी बड़ी बैठक है। माना जा रहा है कि शरद पवार द्वारा बुलाई गई इस बैठक में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की ओर से साझा उम्मीदवार के नाम पर चर्चा की जा सकती है। इस बैठक में शामिल होने के लिए असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के एआईएमआईएम को भी शरद पवार ने बुलावा भेजा है। हालांकि अब तक राष्ट्रपति चुनाव को लेकर जितनी भी चर्चाएं हुई, उसमें ओवैसी का नाम कहीं भी शामिल दिखाई नहीं दे रहा था। लेकिन शरद पवार ने आखिरकार असदुद्दीन ओवैसी को मीटिंग में शामिल होने के लिए न्योता भेज दिया है।
शरद पवार का न्योता पाकर असदुद्दीन ओवैसी खुश हैं। उन्होंने नेवता के लिए शरद पवार को शुक्रिया भी कहा है। इसके साथ ही यह भी कहा है कि उनकी पार्टी की तरफ से औरंगाबाद के सांसद इम्तियाज जलील शामिल होंगे। इन सब के बीच राष्ट्रपति चुनाव को लेकर जो नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में थे उन्होंने फिलहाल उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया है। चाहे शरद पवार हो, चाहे फारूक अब्दुल्लाह हो या फिर गोपालकृष्ण गांधी हो, सभी ने राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनने से विपक्ष के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। शरद पवार की बैठक में शिरोमणि अकाली दल और वाईएसआर कांग्रेस जैसे कई अन्य दलों के शामिल नहीं होने की संभावना है।
इसके पहले 15 जून को तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार पर चर्चा करने के वास्ते एक बैठक बुलाई थी, जिसमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, वाम दलों और शिवसेना सहित 17 दलों ने भाग लिया था। इस बैठक में एआईएमआईएम ने हिस्सा नहीं लिया था। चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। जिसके मुताबिक, देश के अगले महामहिम को चुनने के लिए 18 जुलाई को वोट डाले जाएंगे। जबकि 21 जुलाई को चुनाव के नतीजे सामने आएंगे और देश को नए महामहिम मिलेंगे। इस चुनाव में सांसदों और विधायकों वाले निर्वाचक मंडल के 4,809 सदस्य मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के उत्तराधिकारी का चुनाव करेंगे।