By अनुराग गुप्ता | Sep 08, 2021
नयी दिल्ली। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की चुनावी रणनीति में अहम भूमिका निभाने वाले रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ पीके जल्द की कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। इस पर पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी अंतिम फैसला करेंगी। कहा जा रहा है कि पीके को विशेष एआईसीसी पैनल के माध्यम से पार्टी में लाया जा सकता है।
जुलाई के बाद नहीं हुई चर्चा
अंग्रेजी समाचार पत्र 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' के मुताबिक पीके के मुद्दे को लेकर कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी पूरी तरह से अवगत हैं। सूत्रों ने बताया कि पीके को लेकर जुलाई के बाद कोई भी चर्चा नहीं हुई है। इस दौरान कांग्रेस संसद के मानसून सत्र के साथ-साथ अन्य घटनाक्रमों में व्यस्त थी।सूत्रों से बताया कि पीके अगर कांग्रेस में शामिल होते हैं तो उन्हें साधारण तरीके से नहीं लाया जाएगा बल्कि एआईसीसी पैनल के माध्यम से पार्टी में शामिल कराएंगे। रिपोर्ट के मुताबिक पीके ने कांग्रेस नेतृत्व से पार्टी की रणनीति और चुनाव प्रबंधन पर निर्णय लेने के लिए एक विशेष सलाहकार समिति बनाने का अनुरोध किया था।एक विशेष सलाहकार समिति में ज्यादा सदस्य नहीं होने चाहिए। इसके साथ ही समिति के पास गठबंधन से लेकर चुनावी अभियान की रणनीति तक हर तरह की राजनीतिक गतिविधियों पर फैसला करने का अधिकार होना चाहिए। पीके के मुद्दे में अभी कांग्रेस में कोई चर्चा नहीं हुई है क्योंकि पार्टी पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विवादों को सुलझाने की कोशिशों में जुटी हुई है।लोकसभा चुनाव पर होगा पूरा फोकस
पीके को साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए पार्टी में शामिल कराने की योजना है। ऐसे में पीके का पूरा फोकस लोकसभा चुनाव की रणनीतियां बनाने में होगा। इसके अलावा वह विधानसभा चुनावों का भी जिम्मा संभाल सकते हैं।कांग्रेस के लिए आगामी विधानसभा चुनाव को जीतना भी जरूरी है क्योंकि इसके माध्यम से पार्टी अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाना चाहती है। हालांकि जी-23 के नेता पीके को पार्टी में शामिल कराने के पक्ष में नहीं हैं। लेकिन जी-23 के एक नेता ने खुले तौर पर पीके का समर्थन किया है। कांग्रेस में बदलाव की मांग करने वाले ग्रुप में शामिल वीरप्पा मोइली ने कहा था कि प्रशांत किशोर के आने से न सिर्फ पार्टी नेतृत्व के हाथ मजबूत होंगे बल्कि कार्यकर्ता भी प्रेरित होंगे।