By नीरज कुमार दुबे | Mar 27, 2025
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री अरविंद कुमार शर्मा को बुधवार शाम को अपने गृह नगर मऊ में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बिजली कटौती के कारण अंधेरे में एक सभा को संबोधित करना पड़ा। इस घटना के वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर आए हैं। इसके बाद बिजली विभाग के चार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनमें से दो को निलंबित कर दिया गया है। हम आपको बता दें कि अरविंद कुमार शर्मा राज्य सरकार के आठ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित तीन दिवसीय विकास महोत्सव में भाग लेने मऊ पहुंचे थे। बुधवार की शाम को स्थानीय निवासियों ने उन्हें हनुमान घाट पर आयोजित सम्मान समारोह में आमंत्रित किया था।
हालांकि, राज्य में बिजली आपूर्ति मंत्री का प्रभार संभालने के बावजूद अरविंद कुमार शर्मा को अपने ही शहर के बीचों-बीच बिजली के बिना भाषण देना पड़ा। शहर के सबसे महत्वपूर्ण इलाकों में से एक बांध रोड पर घंटों बिजली गुल रही। इस दौरान बिजली विभाग के अधिकारी भी नदारद थे। यही नहीं, कार्यक्रम के बाद वहां से जाते वक्त उन्हें अपने मोबाइल फोन के टॉर्च की रोशनी में अपने जूते ढूंढ़ने पड़े। घटना के कथित वीडियो ऑनलाइन साझा किए जा रहे हैं। इस घटना से भाजपा कार्यकर्ताओं में भी असंतोष फैल गया है। उनमें से कुछ ने आरोप लगाया है कि स्थानीय अधिकारियों ने जानबूझकर मंत्री की छवि धूमिल करने की कोशिश की है। कई पार्टी सदस्यों ने इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। अफरातफरी के बावजूद, बिजली मंत्री अरविंद कुमार शर्मा की शांत और संयमित प्रतिक्रिया सबसे अलग थी। स्थानीय लोगों ने कहा कि अंधेरे में सभा को संबोधित करने और मोबाइल के टॉर्च के साथ धैर्यपूर्वक अपनी चप्पल खोजना उनकी सादगी और विनम्रता को जाहिर करता है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस घटना के बाद राज्य सरकार ने बिजली विभाग के चार अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। अधीक्षण अभियंता संजय वैश्य से स्पष्टीकरण मांगा गया है जबकि अधिशासी अभियंता भुवनराज सिंह को आरोप पत्र दिया गया है। इसके अलावा उप-मंडलीय अधिकारी प्रकाश सिंह और कनिष्ठ अभियंता ओपी कुशवाहा को निलंबित कर दिया गया है। बिजली विभाग ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं और कहा है कि जांच जारी रहने पर जिम्मेदार पाए जाने वालों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा सकती है।