By नीरज कुमार दुबे | Jun 13, 2024
महाराष्ट्र की राजनीति में खासकर पवार परिवार में चल रही पावर पॉलिटिक्स में आज तब नया मोड़ आ गया जब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार ने राज्यसभा चुनाव के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के उम्मीदवार के रूप में आज अपना नामांकन दाखिल कर दिया। हम आपको बता दें कि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में सुनेत्रा पवार को बारामती निर्वाचन क्षेत्र से हार का सामना करना पड़ा था। सुनेत्रा पवार को उनकी ननद सुप्रिया सुले ने पराजित किया था। सुनेत्रा पवार को पराजित कर सुप्रिया सुले ने इस संसदीय क्षेत्र से लगातार चौथी जीत दर्ज की थी। अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा की जीत को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था लेकिन वह विफल रहे। बारामती के बादशाह अजित पवार के लिए यह पहला चुनावी झटका था जिससे उपजी चिंता की लकीरें उनके चेहरे पर चुनाव परिणाम के बाद से ही दिख रहीं थीं। अब जबकि उन्होंने अपनी पत्नी को राज्यसभा भेज दिया है तो उन्होंने एक तरह से फिर से अपनी ताकत अपने चाचा शरद पवार को दिखा दी है।
हम आपको बता दें कि राज्यसभा सचिवालय ने पिछले दिनों संसद के ऊपरी सदन में 10 रिक्तियों को अधिसूचित किया थे। असम, बिहार और महाराष्ट्र से दो-दो और हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और त्रिपुरा से राज्यसभा की एक-एक सीट खाली हुई है। महाराष्ट्र से सुनेत्रा पवार का चुना जाना तय है क्योंकि यह सीट प्रफुल्ल पटेल के इस्तीफे की वजह से खाली हुई थी। प्रफुल्ल पटेल ने इस साल अप्रैल में हुए द्विवार्षिक राज्यसभा चुनावों को लड़ने के लिए अपनी पहले वाली सीट से इस्तीफा दे दिया था। यह सीट एनसीपी कोटे की है इसलिए सत्तारुढ़ महायुति गठबंधन के सहयोगी दल भी सुनेत्रा पवार का समर्थन कर रहे हैं। खुद सुनेत्रा ने भी नामांकन दाखिल करने के बाद सबका समर्थन मिलने की बात कही है।
दूसरी ओर माना जा रहा है कि इस सीट के दावेदार रहे कई नेता सुनेत्रा के चयन से नाराज हो गये हैं। नाराज नेताओं में एक नाम राकांपा के वरिष्ठ नेता और राज्य सरकार में मंत्री छगन भुजबल का भी बताया जा रहा है। हालांकि उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राकांपा ने राज्यसभा चुनाव के लिए सुनेत्रा पवार को मैदान में उतारने का फैसला किया है। यहां तक कि मैं भी चुनाव लड़ने को इच्छुक था, लेकिन बुधवार शाम एक बैठक के दौरान पार्टी नेताओं ने उनका नाम तय कर दिया।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह राज्यसभा चुनाव में नहीं उतारे जाने से निराश हैं, भुजबल ने कहा, ‘‘हर किसी को पार्टी के फैसले को स्वीकार करना होगा। कुछ मजबूरियां हैं। मैं आजाद व्यक्ति नहीं हूं, बल्कि एक पार्टी का कार्यकर्ता और नेता हूं।’’
हम आपको बता दें कि ऐसी भी चर्चा है कि सुनेत्रा पवार को मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। हाल ही में जब मोदी सरकार का गठन हुआ था तब एनसीपी को केंद्रीय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार का प्रस्ताव दिया गया था जिसे पार्टी ने स्वीकार करने से इंकार कर दिया था। एनसीपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने कहा था कि चूंकि वह पूर्व में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं इसलिए राज्यमंत्री का पद नहीं ग्रहण कर सकते। माना जा रहा है कि अपनी संसदीय पारी की शुरुआत करने जा रहीं सुनेत्रा इस प्रस्ताव को स्वीकार कर सकती हैं। इस तरह की चर्चाएं हैं कि अपनी पत्नी को मंत्री बनवाने के लिए ही अजित पवार ने एनडीए से खुद को ऐसा प्रस्ताव भेजने के लिए कहा था जिसे उनकी पार्टी के अन्य नेता अस्वीकार कर दें। खैर...राजनीति में चर्चाएं तो तमाम तरह की चलती हैं लेकिन असल बात क्या है इसे तो नेता ही बता सकते हैं।