प्रधानमंत्री मोदी केदारनाथ यात्रा के दौरान जटोली महादेव मंदिर के आनलाईन करेंगे दर्शन, यहां पत्थरों को थपथपाने पर डमरू जैसी आवाज आती है

By विजयेन्दर शर्मा | Nov 04, 2021

सोलन । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ मंदिर यात्रा के दौरान हिमाचल प्रदेश के जिन मंदिरों के वर्चुअली दर्शन करने जा रहे हैं उनमें सोलन जिला का प्रसिद्ध जटोली महादेव मंदिर भी शामिल है। यहां प्रधानमंत्री के सम्बोधन को सभी बड़े नेताओं सहित साधु महात्माओं व भक्त जनों के साथ सुना जाएगा । यहां भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे उनके साथ प्रदेश सह प्रभारी संजय टंडन, प्रदेश उपाध्यक्ष पुरषोतम गुलेरिया, जिलाध्यक्ष आशुतोष वैद्य उपस्थित शामिल होंगे। कार्यक्रम में मंत्री राजीव सैजल, सुखराम चौधरी, विधायक राजीव बिंदल, पूर्व सांसद वीरेंद्र कश्यप व डेज़ी ठाकुर उपस्थित रहेंगी।

 

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हमारे देश में कई मंदिर ऐसे हैं जो चमत्कारी और रहस्यमयी माने जाते हैं। देवभूमि हिमाचल में भगवान शिव के बहुत सारे मंदिर हैं। सबका अपना महत्व है। वहीं हिमाचल के सोलन में जटोली शिव मंदिर स्थित है। यह एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है। दक्षिण-द्रविड़ शैली में बने इस मंदिर को बनने में करीब 39 साल का समय लगा। इस मंदिर में लगे पत्थरों को थपथपाने पर डमरू जैसी आवाज आती है । जटोली शिव मंदिर सोलन से करीब सात किलोमीटर दूर है। यह मंदिर देवभूमि के नाम से मशहूर हिमाचल प्रदेश के सोलन में स्थित है, जिसे जटोली शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है। दक्षिण-द्रविड़ शैली में बने इस मंदिर की ऊंचाई लगभग 111 फुट है। मंदिर का भवन निर्माण कला का एक बेजोड़ नमूना है, जो देखते ही बनता है।

 

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इस मंदिर को लेकर ये मान्यता है कि पौराणिक काल में भगवान शिव यहां आए थे और कुछ समय के लिए रहे थे। बाद में 1950 के दशक में स्वामी कृष्णानंद परमहंस नाम के एक बाबा यहां आए, जिनके मार्गदर्शन और दिशा-निर्देश पर ही जटोली शिव मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ। साल 1974 में उन्होंने ही इस मंदिर की नींव रखी थी। हालांकि, साल 1983 में उन्होंने समाधि ले ली, लेकिन मंदिर का निर्माण कार्य रूका नहीं बल्कि इसका कार्य मंदिर प्रबंधन कमेटी देखने लगी।

 

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जटोली शिव मंदिर को पूरी तरह तैयार होने में करीब 39 साल का समय लगा। करोड़ों रुपये की लागत से बने इस मंदिर की सबसे खास बात ये है कि इसका निर्माण देश-विदेश के श्रद्धालुओं द्वारा दिए गए दान के पैसों से हुआ है। यही वजह है कि इसे बनने में तीन दशक से भी ज्यादा का समय लगा।

 

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इस मंदिर में हर तरफ विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं, जबकि मंदिर के अंदर स्फटिक मणि शिवलिंग स्थापित है। इसके अलावा यहां भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं। वहीं, मंदिर के ऊपरी छोर पर 11 फुट ऊंचा एक विशाल सोने का कलश भी स्थापित है, जो इसे बेहद ही खास बना देता है।


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