गंगा में डुबकी, काशी विश्वनाथ की पूजा से लेकर श्रमिकों के संग भोजन करने तक, काफी महत्वपूर्ण थी पीएम मोदी की वाराणसी यात्रा

By रेनू तिवारी | Dec 15, 2021

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दो दिवसीय दौरे का समापन किया। पीएम मोदी ने सोमवार को काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के पहले चरण का उद्घाटन किया और मंगलवार को बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों के साथ एक कॉन्क्लेव की अध्यक्षता की। उन्होंने स्वरवेद महामंदिर में एक कार्यक्रम में भी भाग लिया और एक विशाल रैली को संबोधित किया।

 

पीएम मोदी की काशी की यात्रा के महत्वपूर्ण 10 बिंदू


1. वाराणसी पहुंचने पर पीएम नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले काल भैरव मंदिर की यात्रा की। उन्होंने काल भैरव मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की और आरती में भी भाग लिया।


2. पीएम मोदी इसके बाद वाराणसी के ललिता घाट गए जहां उन्होंने गंगा में डुबकी लगाई। दृश्यों में प्रधान मंत्री को पवित्र नदी को नमन करते हुए देखा जा सकता है, गंगा में डुबकी लगाना हजारों वर्षों से भारतीय सभ्यता की एक महत्वपूर्ण आस्था है।


3. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के पहले चरण का उद्घाटन किया। कॉरिडोर को पहले के 3,000 वर्ग फुट से बढ़ाकर लगभग पांच लाख वर्ग फुट कर दिया गया है।

 

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4. पीएम मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना पर काम करने वाले निर्माण श्रमिकों के साथ दोपहर का भोजन करते समय ध्यान खींचा। उन्होंने परियोजना में शामिल निर्माण श्रमिकों पर भी पुष्प वर्षा की।


5. पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी के रविदास घाट पर क्रूज की सवारी की। दोनों नेताओं को वाराणसी के घाटों पर समर्थकों की भीड़ का अभिवादन करते हुए देखा गया।


6. बाद में पीएम ने वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर मनमोहक 'गंगा आरती' देखी। उनके साथ कई भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी थे। लाइट शो और आतिशबाजी से आसमान चमक उठा। 

 

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7. प्रधानमंत्री ने आधी रात को काशी विश्वनाथ धाम, बनारस रेलवे स्टेशन का दौरा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ सोमवार को मध्यरात्रि के बाद वाराणसी की सड़कों पर निकले और काशी विश्वनाथ धाम और बनारस रेलवे स्टेशन का दौरा किया। देर रात करीब एक बजे पोस्ट किए गए एक ट्वीट में मोदी ने कहा कि उन्होंने वाराणसी में ‘‘प्रमुख विकास कार्यों’’ का निरीक्षण किया। वाराणसी 2014 से प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है। 


8. मंगलवार को उन्होंने बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक कॉन्क्लेव की अध्यक्षता की। असम, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 12 मुख्यमंत्री और नौ उप मुख्यमंत्री भी सम्मेलन में भाग लिया।


9. उन्होंने सद्गुरु सदाफलदेव विहंगम योग संस्थान की 98वीं वर्षगांठ समारोह मनाने के लिए स्वर्वेद महामंदिर में एक कार्यक्रम में भाग लिया। पीएम मोदी ने कहा कि देश की आजादी के लिए संतों के योगदान को पर्याप्त रूप से प्रलेखित नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोगों से बेटियों की शिक्षा और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करने और गंगा सहित सभी जल स्रोतों को साफ रखने का संकल्प लेने का आग्रह किया। सद्गुरु सदाफलदेव विहंगम योग संस्थान की 98वीं वर्षगांठ के अवसर पर यहां स्वरवेद महामंदिर में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश आजादी के 75 साल पूरे कर रहा है, “सुराज” उतना ही महत्वपूर्ण है जितना “स्वराज”। 


10. पीएम मोदी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में संतों के योगदान के बारे में बात करते हुए काशी में एक मेगा रैली को भी संबोधित किया। उन्होंने वाराणसी में विकास कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 2019-20 में वाराणसी में पर्यटकों की संख्या 2014-15 की तुलना में दोगुनी हो गई है।


मंगलवार शाम करीब 5 बजे पीएम मोदी वाराणसी से वापस दिल्ली के लिए विमान में सवार हुए।

 

विपक्ष की काशी यात्रा पर प्रतिक्रिया

 

अखिलेश यादव की बेलगाम हुई जुबान 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव की तुलना मुगल बादशाह औरंगजेब से की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिये उनके ताने को सबसे अभद्र और बेहूदा करार दिया। यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन किये जाने और भाजपा सरकार की ओर से एक महीने तक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने पर कटाक्ष करते हुए कहा किलोग वाराणसी में तब रहते हैं, जब उनका अंत निकट होता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, लोगों के लिए अपने जीवन के अंतिम दिन इस शहर में बिताना शुभ माना जाता है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सपा नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी पार्टी की सरकार ने अयोध्या में कारसेवकों पर गोलियां चलाई थीं और ऐसी बेहूदा और अभद्र टिप्पणियां उनकी मानसिकता को दर्शाती हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, अगर उन्हें हिंदू मान्यताओं के बारे में कोई सहानुभूति होती, तो वे काशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन का स्वागत करते, लेकिन उन्हें केवल अपने वोट बैंक की चिंता है। राजनीतिक मतभेद एक बात है, लेकिन किसी के अंत की कामना करना निंदनीय है। लोग उन्हें सबक सिखाएंगे।

 

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