PM मोदी बोले- भारत का समुद्री इतिहास हमारा धरोहर है जिसे भुला दिया गया, शिवाजी महाराज का भी जिया जिक्र

By अंकित सिंह | Oct 18, 2022

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुजरात में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर की समीक्षा बैठक में शामिल हुए। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि लोथल में राष्ट्रीय समुद्री धरोहर परिसर भारत के समृद्ध समुद्री इतिहास पर गर्व करने का विषय है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे दक्षिण में चोल साम्राज्य, चेर राजवंश, पांड्य राजवंश भी हुए जिन्होंने समुद्री संसाधनों की शक्ति को समझा और उसे अभूतपूर्व ऊंचाई दी। भारत का समुद्री इतिहास हमारा धरोहर है, जिसे भुला दिया गया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हमारे इतिहास की अनेक गाथाओं को भुला दिया गया है, उन्हें सुरक्षित करने और अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के रास्ते नहीं खोजे गए। इतिहास की उन घटनाओं से हम कितना कुछ सीख सकते थे। भारत की समुंद्री विरासत भी एक ऐसा ही विषय है, जिनके बारे में बहुत कम चर्चा की गई।

 

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मोदी ने आगे कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने भी एक सशक्त नौसेना का गठन किया और विदेशी आक्रांताओं को चुनौती दी। ये सब कुछ भारत के इतिहास का ऐसा गौरवपूर्ण अध्याय है, जिसे नजरअंदाज ही कर दिया गया। उन्होंने कहा कि सदियों पहले के भारत का व्यापार-कारोबार दुनिया के एक बड़े हिस्से में छाया हुआ था। हमारे रिश्ते दुनिया की हर सभ्यता के साथ रहे, तो इसके पीछे भारत की समुद्री शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हजारों वर्ष पहले कच्छ में बड़े बड़े समुद्री जहाजों के निर्माण का पूरा उद्योग चला करता था।  भारत में बने पानी के बड़े बड़े जहाज दुनियाभर में बेचे जाते थे विरासत के प्रति इस उदासीनता ने देश का बहुत बड़ा नुकसान किया। ये स्थिति बदली जानी जरूरी है।

 

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प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि लोथल सिर्फ सिंधु घाटी मान्यता का एक बड़ा व्यापारी केंद्र नहीं था, बल्कि ये भारत के समुद्री सामर्थ्य और समृद्धि का भी प्रतीक था। उन्होंने कहा कि हजारों वर्ष पहले जिस लोथल को जिस तरीके से एक पोर्ट सिटी के रूप में विकसित किया गया था, वो आज भी बड़े-बड़े जानकारों को हैरान कर देता है। मोदी ने कहा कि लोथल में ये जो हेरिटेज कॉम्प्लेक्स बन रहा है, उसको ऐसे बनाया जा रहा है कि भारत का सामान्य से सामान्य व्यक्ति भी इस इतिहास को आसानी से जान सके, समझ सके। इसमें अति आधुनिक तकनीक का प्रयोग करके, बिल्कुल उसी युग को फिर से सजीव करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हजारों वर्ष पहले का वही वैभव, वही सामर्थ्य इस धरती पर फिर जागृत किया जा रहा है। मुझे विश्वास है कि ये दुनिया भर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का बहुत बड़ा केंद्र बनेगा।

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