By अंकित सिंह | Oct 04, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली में कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। आज भारत जीडीपी के हिसाब से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हम वैश्विक फिनटेक अपनाने की दर के मामले में नंबर वन हैं। आज हम स्मार्टफोन डेटा खपत के मामले में नंबर वन हैं। उन्होंने कहा कि आज, वैश्विक आपातकाल के बीच, हम यहां 'भारतीय युग' के बारे में चर्चा कर रहे हैं... इससे पता चलता है कि दुनिया भारत पर कितना भरोसा करती है। आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती और 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। फिनटेक अपनाने की दर के मामले में, हम शीर्ष देश के रूप में खड़े हैं।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि वैश्विक वास्तविक समय लेनदेन का आधा हिस्सा भारत में होता है। भारत दोपहिया वाहनों और ट्रैक्टरों का सबसे बड़ा निर्माता है, और मोबाइल फोन का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता है। उन्होंने कहा कि 'सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन' हमारा मार्गदर्शक मंत्र है। जब लोगों का जीवन बदल जाता है, तो वे अपने देश में विश्वास करना शुरू कर देते हैं। फिर वही बात उनके जनादेश के माध्यम से परिलक्षित होती है। 140 करोड़ भारतीयों का विश्वास ही हमारी ताकत है। हम भारत की भलाई के लिए और अधिक संरचनात्मक सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मोदी ने कहा कि हमारा कमिटमेंट है कि भारत को विकसित बनाने के लिए लगातार संरचनात्मक सुधार करते रहेंगे। भारत में विकास के साथ समावेशन भी हो रहा है। इसी का परिणाम है कि पिछले 10 साल में 250 मिलियन... यानि 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। उन्होंने कहा कि 'समावेशी भावना' भारत की विकास गाथा का एक और उल्लेखनीय कारक है। अब, भारत में, विकास के साथ-साथ समावेशन भी होता है। परिणामस्वरूप, पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि भारत की वृद्धि का लाभ सभी को मिले।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक नेता और वित्तीय विशेषज्ञ भारत की वृद्धि को लेकर आशावादी हैं। निवेशकों का मानना है कि यह भारत में निवेश करने का सही समय है। यह कोई संयोग नहीं है, बल्कि यह पिछले दशक में भारत में हुए सुधारों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि नौकरियां, कौशल, सतत विकास और निरंतर तेजी से विस्तार पर मोदी 3.0 का विशेष ध्यान है। उन्होंने कहा कि कारोबार करने को सरल बनाने के लिए अनुपालन बोझ को कम किया, कंपनी कानून के कई प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया।
उन्होंने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए हम पीएलआई (प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव) लाए। पीएलआई के कारण 1.25 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया है। अंतरिक्ष क्षेत्र में अब 200 से अधिक स्टार्टअप हैं। भारत मोबाइल फोन के आयातक से उत्पादक बन गया है। भारत में हर क्षेत्र में निवेश के प्रचुर अवसर हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही भारत के 5 सेमीकंडक्टर प्लांट दुनिया भर में लगेंगे और 'मेड इन इंडिया' चिप्स दुनिया तक पहुंच सकेंगे।