By टीम प्रभासाक्षी | Dec 20, 2021
प्रधानमंत्री मोदी को लोगों से संवाद करना और खुद को उन से जोड़ना बखूबी आता है। यह बात प्रधानमंत्री मोदी का विरोध करने वाले लोग भी खुलकर कहते हैं, हाल ही में इसका एक और उदाहरण सामने आया। दरअसल 2016 सर्जिकल स्ट्राइक के वक्त उत्तरी कमान के कमांडर रहे लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) दीपेंद्र सिंह हुड्डा की बहन सुषमा को कैंसर है। सुषमा ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर उनसे एक नई दवा को भारत में मंजूरी देने की मांग की थी। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से हुड्डा को फोन गया और उन्होंने सहायता का पूरा भरोसा दिया। पूर्व सैन्य अधिकारी ने भी इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया। सोशल मीडिया पर भी प्रधानमंत्री मोदी के इस कदम के बहुत तारीफ की जा रही है।
सुषमा हुड्डा ने पीएमओ को भेजे अपने ईमेल में कहा है कि वो टर्मिनल कैंसर से पीड़ित है। और आर्मी हॉस्पिटल में अपना इलाज करा रहे हैं। उन्होंने कैंसर की जिस दवा को मंजूरी देने की गुजारिश प्रधानमंत्री मोदी से की उस दवा का नाम Sacituzumab Govitecan है। आपको बता दें कि अमेरिका ने इस दवा को अप्रैल 2021 में मंजूरी दे दी है, इसके साथ-साथ यूरोपियन एजेंसी ने भी दवा को अपनी मंजूरी दे दी है। मगर अभी तक इस दवा को भारत में मंजूरी नहीं मिल पाई है। सुषमा हुड्डा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इसी दवा को मंजूरी देने की मांग की ताकि कैंसर पीड़ितों की जान बचाई जा सके। सुषमा हुड्डा ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने इस खत के बारे में 18 दिसंबर को ट्विटर पर जानकारी दी।
शनिवार शाम को रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने बताया कि प्नधानमंत्री का फोन उनके पास आया था। यह फोन ट्वीट के कुछ ही देर बाद पीएमओ से आया, हुड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उनकी बहन के केस पर चिंता जताई। वह प्रधानमंत्री का कॉल आने पर गर्व महसूस कर रहे हैं। डीएस हुडा के इस ट्वीट पर लोग भी प्रधानमंत्री की तारीफ कर रहे हैं। दूसरी ओर आपको यह भी बता दें कि बीजेपी के कार्यकारिणी के सदस्य और सोशल मीडिया प्रमुख धवल पटेल ने हुड्डा पर निशाना भी साधा है। धवल पटेल ने ट्वीट करके लिखा कि सर्जिकल स्ट्राइक के हीरो लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुडा जी 2019 में कांग्रेस के सुरक्षा घोषणा पत्र की टीम में शामिल थे। पर फिर भी पीएम मोदी ने उनको मदद से इनकार नहीं किया। पीएम मोदी के लिए देश पहले है। इस पर कुछ लोगों ने कहा कि, पीएम मोदी को आम लोगों के लिए भी ऐसी संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।