By अनन्या मिश्रा | Dec 30, 2024
शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के मुताबिक शाम 05:24 मिनट से 07:02 मिनट तक अमृत काल रहेगा। फिर फिर विजय मुहूर्त दोपहर 02:07 मिनट से 02:49 मिनट तक रहेगा। वहीं शाम 05:2 मिनट से 05:59 मिनट तक गोधूलि मुहूर्त रहेगा। इसके बाद रात्रि 11:57 मिनट से 12:51 मिनट तक निशिता मुहूर्त रहेगा।
पूजन विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान के लिए जाएं। यदि नदी में स्नान संभव नहीं है, तो आप घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। स्नान के बाद सू्र्य देव को अर्घ्य दें और अपने पितरों का पिंडदान करें व तर्पण करें। किसी किसी जानकार ब्राह्मण से पितृ तर्पण या पितृ पूजा घर पर करवाएं। पूजा खत्म होने के बाद ब्राह्मण को भोजन, कपड़े और दक्षिणा आदि देनी चाहिए।
सोमवती अमावस्या के मौके पर गाय, कुत्ते, चीटियों और कौवों को दाना डालें और अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए तृ गायत्री का आयोजन भी कर सकते हैं। इस दिन श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करना विशेष फलदायी माना जाता है। वहीं आप विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ भी कर सकते हैं।
इन मंत्रों से करें पूजा
ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।।
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।।
ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।
ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:।।