By अंकित सिंह | May 31, 2023
दिल्ली में 'सेवाओं' के नियंत्रण को लेकर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार विपक्षी दलों का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। कई दलों के नेताओं ने उन्हें अपना समर्थन भी दिया। केजरीवाल ने सार्वजनिक रूप से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा था। लेकिन ऐसा लगता है कि दिल्ली में इस मसले को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों की ही एक राय है। दोनों दलों के नेता केजरीवाल पर हमलावर हैं।
भाजपा का निशाना
केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल ने माकपा नेताओं के साथ बैठक की थी। इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि केजरीवाल ने इस मुद्दे पर "हर संभव दरवाजे पर दस्तक देकर" खुद को उपहास का विषय बना लिया है। सचदेवा ने कहा, 'राजनीतिक जोकर की तरह केजरीवाल को उन नेताओं के दरवाजे पर दस्तक देते देखना आश्चर्यजनक है, जिन्हें उन्होंने कल तक भ्रष्ट कहा था।" उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा कि केवल केजरीवाल जैसा गिरगिट ही केरल में सीपीएम, यूपी में समाजवादी पार्टी, गुजरात, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, एमपी, कर्नाटक आदि में कांग्रेस और बंगाल में टीएमसी के खिलाफ चुनाव लड़ सकता है और फिर मासूमियत से उनका राजनीतिक समर्थन मांग सकता है।
कांग्रेस का भी ना
कांग्रेस की पंजाब और दिल्ली इकाइयों के नेताओं ने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे वरिष्ठ नेताओं राहुल गांधी और के सी वेणुगोपाल सहित अन्य लोगों के साथ बैठक में साफ तौर पर कहा दिया कि इस मसले पर वह केजरीवाल को समर्थन ना दें। कुछ कांग्रेस नेता ने तो यह भी कहा है कि जो केजरीवाल कांग्रेस पार्टी के नेताओं पर परिवारवाद की राजनीति करने का आरोप लगाते थे। आज वही उनके सामने झुक रहे हैं। क्या केजरीवाल जिसके लिए माफी मांगेंगे? सूत्रों ने कहा कि सोमवार को कांग्रेस की पंजाब इकाई ने नेतृत्व से कहा कि अगर पार्टी आप के साथ कोई समझौता करती है तो वह दिल्ली इकाई के रास्ते पर चलेगी। एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि आप पंजाब में पूरी कांग्रेस को सलाखों के पीछे पहुंचाने की फिराक में है। कांग्रेस के दिल्ली इकाई के कई नेता केजरीवाल के खिलाफ लगातार बयान दे रहे हैं।