By नीरज कुमार दुबे | Mar 19, 2025
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से खालिस्तानी अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू की जैसे ही शिकायत की वैसे ही यह अलगाववादी भड़क गया है। पन्नू ने अपनी गीदड़ भभकी में राजनाथ सिंह को धमकी देने की जुर्रत कर डाली है। हम आपको बता दें कि पन्नू ने राजनाथ सिंह को अमेरिका की धरती पर आकर अंजाम भुगतने की धमकी दी है। दरअसल पन्नू को लग रहा है कि भारत की ओर से उसकी बार-बार की जा रही शिकायत को देखते हुए कहीं अमेरिका ने उसके संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया तो उसके लिए अपनी अलगाववादी गतिविधियां चलाना मुश्किल हो जायेगा। हम आपको बता दें कि भारत अमेरिका के बाइडन प्रशासन के साथ भी एसएफजे की भारत विरोधी गतिविधियों का मुद्दा उठाता रहा था लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी। अब ट्रंप प्रशासन के तहत पन्नू को डर है कि यदि मोदी सरकार के बार-बार आग्रह पर कहीं उसके संगठन या उसके खिलाफ अमेरिका में कोई प्रतिबंधात्मक कार्रवाई हुई तो उसके लिए मुश्किलें खड़ी हो जायेंगी इसलिए वह गीदड़ भभकी देने पर उतर आया है।
हम आपको बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड को खालिस्तानी अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की अमेरिकी धरती पर गतिविधियों को लेकर भारत की चिंताओं से अवगत कराया और उनसे इसे आतंकवादी संगठन घोषित करने का आग्रह किया। रायसीना हिल्स स्थित अपने कार्यालय में 30 मिनट से अधिक समय तक की बैठक में राजनाथ ने गबार्ड को एसएफजे के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के साथ संबंधों और बब्बर खालसा आतंकवादी समूह के साथ इसके ‘‘तालमेल’’ के बारे में भी अवगत कराया तथा इसके खिलाफ कार्रवाई के लिए जोर डाला। रक्षा मंत्री ने एसएफजे द्वारा अमेरिका में विभिन्न हिंदू धार्मिक स्थानों को निशाना बनाने पर चिंता जताई और कहा कि ऐसी गतिविधियों को रोका जाना चाहिए। हम आपको बता दें कि एसएफजे का नेतृत्व गुरपतवंत सिंह पन्नू करता है। एसएफजे भारत में प्रतिबंधित संगठन है। पन्नू भारतीय जांच एजेंसियों द्वारा विभिन्न आतंकी मामलों में वांछित है।
हम आपको बता दें कि तुलसी गबार्ड, कनाडा के खुफिया विभाग के प्रमुख डेनियल रोजर्स और ब्रिटेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोनाथन पॉवेल दुनियाभर के उन शीर्ष खुफिया अधिकारियों में शामिल हैं, जिन्होंने भारत द्वारा आयोजित सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लिया। माना जा रहा है कि खुफिया और सुरक्षा विभागों के शीर्ष अधिकारियों ने आतंकवाद और उभरती प्रौद्योगिकियों से उत्पन्न खतरों से निपटने के लिए खुफिया जानकारी साझा करने तथा आपसी सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया।
हम आपको यह भी बता दें कि भारत विरोधी गतिविधियां चलाने वालों के खिलाफ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जो मुहिम छेड़ी हुई है उसके तहत उन्होंने मंगलवार को नीदरलैंड के अपने समकक्ष रूबेन बर्केलमैन्स से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि उनके देश की कंपनियां पाकिस्तान को हथियार, मंच या तकनीक उपलब्ध न कराएं।