By अभिनय आकाश | Jan 20, 2022
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पिछले साल आतंकी हमले का शिकार हुए 36 चीनी नागरिकों को इमरान सरकार मुआवजा देगी। एक रिपोर्ट में इससे जुड़ी जानकारियां सामने आई हैं। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार एक प्रमुख जलविद्युत परियोजना पर काम कर रहे 36 चीनी नागरिकों को मुआवजा देगी, जो पिछले साल अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक आतंकवादी हमले में या तो मारे गए या घायल हो गए थे। चीन के आर्थिक गुलाम बनते जा रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ड्रैगन की धमकी से डर गए हैं और उनके इस कदम का उद्देश्य अपने सहयोगी को मनाने के तौर पर देखा जा रहा है।ॉ
पिछले साल 13 जुलाई को, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में दसू जलविद्युत परियोजना के कार्य स्थल पर ले जा रही एक बस पर आत्मघाती हमले के बाद 10 चीनी नागरिक मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर इंजीनियर थे और 26 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने बताया कि वित्त मंत्री शौकत तारिन की अध्यक्षता वाली पाकिस्तान की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) इन चीनी पीड़ितों को भुगतान की जाने वाली मुआवजे की रकम पर फैसला करेगी, जो 4.6 मिलियन अमरीकी डालर से शुरू होकर 20.3 मिलियन अमरीकी डालर तक होगी। दासू पनबिजली परियोजना के लिए विश्व बैंक पैसा दे रहा है और ये चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के दायरे में नहीं आता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मुआवजे के भुगतान का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों में एक बड़ी अड़चन को दूर करना है।
पैसे-पैसे को मोहताज पाकिस्तान नकदी की तंगी से जूझ रहा है और पाकिस्तान कानूनी रूप से या समझौते की शर्त के रूप में मुआवजा देने के लिए बाध्य नहीं था। इसके बाद भी इमरान खान सरकार चीनी धमकी के आगे झुक गई और अब अरबों रुपये मुआवजा देगी। गौरतलब है कि इमरान खान सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बेइज्जती से बचने के लिए पहले इस घटना को गैस लीकेज करार दिया था जिससे चीन भड़क गया था और और सीपीईसी की संयुक्त सहयोग समिति की एक निर्धारित बैठक रद्द कर दी। आतंकवादी हमले के बाद, चीनी ठेकेदारों ने भी परियोजना पर काम बंद कर दिया था और 37 मिलियन अमरीकी डालर के मुआवजे की मांग की थी, जो कि चीन में हमला होने पर चीनी सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली राशि से 500 प्रतिशत अधिक थी।