By अभिनय आकाश | Apr 06, 2022
पाकिस्तान में यूं तो इन दिनों सियासी उछल-पुथल मची हुई है। कुर्सी जाती देख इमरान सरकार की तरफ से संसद को ही भंग कर दिया गया। पूरा विपक्ष एक होकर इमरान को सत्ता से बेदखल करने के लिए गोलबंद हो गए हैं। वहीं पाकिस्तान की संसद को भंग करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट आज भी कोई फैसला नहीं सुना सका। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई एक बार फिर कल तक के लिए टाल दी है। देश में राजनीतिक अस्थिरता का आलम बीते दो हफ्तों से लगातार जारी है। वहीं आर्थिक संकट और चीन के कर्जजाल की वजह से वैसे ही देश की माली हालत बेहद पतली है। लेकिन अपने देश की आंतरिक समस्या को सुलझाने की बजाय पाकिस्तान बयान बाजी में लगा है।
अल्पसंख्यकों पर जुल्म के लिए संपूर्ण जगत में मशहूर पाकिस्तान भारत को घेरने की कोशिश में लगा हुआ है। राजस्थान के करौली में हुई हिंसा और आगजनी को लेकर पाकिस्तान की पार्ट टाइम सरकार को भारत विरोधी एजेंडा चलाने का मौका मिल गया। इमरान सरकार के मंत्री ने करौली हिंसा मामले में आगजनी को लेकर मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा बताते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मामले में हस्तक्षेप की अपील की है।
विदेश मंत्रालय की तरफ से एक बयान में कहा कि राज्य मशीनरी की उदासीनता भी उतनी ही चिंताजनक है, जो अपने नागरिकों के जीवन और संपत्तियों की रक्षा करने के अपने मूल कर्तव्य में विफल रही है। अफसोस की बात है कि भारत में अल्पसंख्यक, खासकर मुसलमान, आज भी डर के साये में जी रहे हैं। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भाजपा-आरएसएस गठबंधन ने अपने 'हिंदुत्व' एजेंडे के तहत अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा को अंजाम दिया है। बयान में कहा गया है कि हालिया इतिहास दर्दनाक उदाहरणों से भरा हुआ है जो भारत में मुसलमानों के खिलाफ मौजूदा शासन की गहरी दुश्मनी को दर्शाता है।