'तीन आधार पर बनी है हमारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति', अमित शाह बोले- आज तक किसी ने नहीं किया इसका विरोध

By अनुराग गुप्ता | Aug 22, 2022

भोपाल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कुशाभाऊ ठाकरे जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विषय पर एक सेमिनार में हिस्सा लिया। इस सेमिनार में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा के कई पदाधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा के प्रदेश इकाई के अध्यक्ष वीडी शर्मा को साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि वीडी शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश संगठन द्वारा श्रद्धेय कुशाभाऊ ठाकरे जी की जन्मशताब्दी वर्ष में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गये हैं।

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उन्होंने कहा कि एक महान नेता वो होता है जो रास्ते को जानता है,रास्ते को दिखाता है। आज के जमाने में एक दो चीजें तो बहुत सारे नेताओं में उपलब्ध हो जाती हैं,रास्ते को जाने और दिखाने वाले भी लोग हैं,लेकिन कुशाभाऊ ठाकरे जी एकमात्र ऐसे नेता हैं, जो रास्ते पर चलते भी थे और कार्यकर्ताओं को चलाते भी थे।

NEP 2020 का नहीं हुआ कोई विरोध

अमित शाह ने कहा कि देश में जब-जब भी शिक्षा नीति आई, तब-तब विवाद जरूर हुए हैं। किसी न किसी ने इसका विरोध किया, टिप्पणियां की, घोर आपत्ति दर्ज की। लेकिन एकमात्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति जो मोदी सरकार 2020 में लेकर आई, इसका आज तक किसी ने विरोध नहीं किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा है कि 21वीं सदी ज्ञान की सदी है। ज्ञान, विज्ञान और शिक्षा में समग्र ब्रह्मांड को सम्मिलित करने और जानने की शक्ति है। मानव विकास की सभी गतिविधियों का मूल स्रोत है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति इन तीन आधार पर हमारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनी है। 21वीं सदी का ज्ञान, समग्र ब्रह्मांड का ज्ञान अपनी संस्कृति के साथ बच्चों को हम सिखाएंगे तो ही बच्चा आगे निकल पाएगा, मुझे पूरा भरोसा है। भारत को एक वैश्विक अध्ययन गंतव्य बनाने के लिए 2030 तक प्रत्येक जिले में बहुविषयक उच्च शिक्षा संस्थान हम लाने वाले हैं। जिसे दुनिया भर का ज्ञान यहां आए और यहां का ज्ञान दुनिया भर में जाए।

हिंदी में देंगे मेडिकल की शिक्षा

इसी बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बात कही है तथा वह बात नई शिक्षा नीति में भी कही गई है कि हम मातृभाषा में शिक्षा देने का काम करें। मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां मेडिकल की शिक्षा भी हिंदी में देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा यह प्रयास है कि प्रतिभा किसी भी हालत में कुंठित न हो, इसलिए हमारी सरकार विद्यार्थियों की कौशल दक्षता को ध्यान में रखते हुए उन्हें हर संभव सुविधा मुहैया कराने के लिए प्रयासरत हैं।

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उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति से विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाने का तथा आत्म सम्मान से जीने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। आजादी के अमृतकाल में हमारा संकल्प है कि मध्य प्रदेश का कोई बच्चा शाला-त्यागी नहीं रहे। बच्चा स्कूल तक और स्कूल बच्चे तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है कि मध्य प्रदेश में कोई भी विद्यार्थी धन के अभाव में शिक्षा से वंचित ना रहे।

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