By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 06, 2024
नयी दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष ने सोमवार को काले धन की बरामदगी पर श्वेत पत्र की मांग की और किसानों की आत्महत्या, बेरोजगारी, महंगाई तथा महिलाओं के खिलाफ अपराध में वृद्धि जैसे मुद्दों पर सरकार पर निशाना साधा। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर तृणमूल कांग्रेस के सदस्य मोहम्मद नदीमुल हक ने कहा कि सरकार ने विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने का वादा किया था। उन्होंने कहा, ‘‘पनामा और पेंडोरा पेपर्स में उन हजारों अमीर भारतीयों के नामों का खुलासा किया गया है, जिन्होंने विभिन्न कर पनाहगाहों में काला धन जमा किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस मुद्दे पर सरकार से श्वेत पत्र की मांग करता हूं। कोई और खोखला वादा नहीं चलेगा। लोगों को बताना होगा।’’ हक ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संसद, निर्वाचन आयोग, सीबीआई, ईडी और रिजर्व बैंक जैसी संस्थाओं को बर्बाद कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि उच्चतम न्यायालय को भी नहीं बख्शा गया। अब इसे अधीनस्थ न्यायालय कहा जा रहा है। उच्चतम न्यायालय में ‘बेंच फिक्सिंग’ के बारे में परेशान करने वाली बातें सामने आ रही हैं, संसद इससे मुंह नहीं मोड़ सकती।’’ उन्होंने यह दावा भी किया कि अनुकूल फैसले के लिए मामलों को पसंदीदा पीठों को सौंपा जा रहा है।
हक ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने 10 साल में एक भी प्रेसवार्ता क्यों नहीं की? पिछले पांच वर्षों में लोकसभा उपाध्यक्ष क्यों नहीं रहा? सुरक्षा में सेंध के मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर पिछले शीतकालीन सत्र में 146 (विपक्षी) सांसदों को निलंबित किया गया जबकि भाजपा के एक भी सांसद को पिछले नौ साल में निलंबित नहीं किया गया।’’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के बार-बार दोहराए गए वादे का जिक्र तक नहीं किया गया है। हक के बाद प्रस्ताव पर द्रमुक सदस्य कनिमोझी एनवीएन सोमू ने किसानों और कृषि मजदूरों की आत्महत्या सहित कई मुद्दे उठाए। उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसानों और खेत मजदूरों की आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं।
पिछले 10 वर्षों में 1 लाख से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के रिकॉर्ड के अनुसार सरकार द्वारा कृषि ऋण के निपटान के लंबे दावों के बावजूद हर दिन 30 किसानों ने आत्महत्या की।’’ बेरोजगारी में वृद्धि का जिक्र करते हुए सोमू ने कहा कि 2014 में बेरोजगारी दर 5.4 प्रतिशत थी जो आज की तारीख में बढ़कर 10.03 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा, ‘‘ 25-35 आयु वर्ग में बेरोजगारी की दर 30 प्रतिशत तक पहुंच गई है। इससे पता चलता है कि हमारी 40 प्रतिशत युवा आबादी बेरोजगार है। अन्य 30 प्रतिशत आबादी बेरोजगार है। केवल 30 प्रतिशत लोग ही भाग्यशाली हैं कि उन्हें नियमित नौकरी मिल पाती है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि उन्होंने (भाजपा) अपने घोषणापत्र में प्रत्येक भारतीय को रोजगार देने के बारे में उल्लेख किया था।’’
सोमू ने दावा किया कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा और अपराध बढ़ रहे हैं। उन्होंने डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में गिरावट का मुद्दा भी उठाया। आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य विक्रमजीत सिंह साहनी ने महंगाई का मुद्दा उठाया और पीएम किसान योजना में लाभार्थियों की संख्या में गिरावट की जांच की मांग की। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सदस्य ए.ए. रहीम ने संविधान में धर्मनिरपेक्षता के उल्लेख का हवाला देते हुए कहा कि सरकार को अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह को उपलब्धि के तौर पर पेश नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में बेरोजगारी शब्द का इस्तेमाल तक नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘‘बेरोजगारी और श्रमिकों का ठेकाकरण प्रमुख समस्या हैं जिनका युवा सामना कर रहे हैं। (अल्पकालिक सैन्य भर्ती योजना) ‘अग्निपथ’ भारतीय नौकरी क्षेत्र में ठेकेदारी का एक उदाहरण है। स्थायी नियुक्ति के बजाय, सरकार बैंकिंग क्षेत्र, बीमा क्षेत्र और यहां तक कि रेलवे और सार्वजनिक उपक्रमों में अनुबंध श्रमिकों की भर्ती कर रही है।’’
रहीम ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार नयी नौकरियां सृजित नहीं कर रही और स्थायी पदों को भरने की भी उसकी कोई मंशा नहीं है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 31 जनवरी को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया और सरकार की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला था। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए रथयात्रा का नेतृत्व करने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने के लिए सरकार की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में भारत जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
बीआरएस सांसद केआर सुरेश रेड्डी ने कहा कि गणतंत्र के 75वें वर्ष में संसदीय और विधायी सुधारों का समय आ गया है। उन्होंने सुझाव दिया कि संसद के कार्य दिवसों को बढ़ाया जाना चाहिए क्योंकि इससे क्षेत्रीय दलों की विविधता और विचारों को प्रतिबिंबित करने वाली चर्चाओं के लिए अधिक समय मिलेगा। उन्होंने कहा कि कुछ परिपक्व संसदों में विपक्ष एक दिन का एजेंडा तय करता है। उन्होंने कहा कि एक निजी सदस्य के विधेयक में बहुत उपयोगी जानकारी होती है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मसौदे को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और बहस की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से जब भी कुछ अच्छा होता है तो सरकार को उसे प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाए बिना स्वीकार कर लेना चाहिए।
राजद सदस्य ए.डी. सिंह ने जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर की स्थिति पर चिंता जताई और पड़ोसी देशों पर चीन के बढ़ते प्रभाव को भी रेखांकित किया। सिंह ने साइबर अपराध और भारत में शिक्षा के मानक जैसे मुद्दों पर भी सरकार का ध्यान आकर्षित किया। बीजद सदस्य अमर पटनायक, कांग्रेस की अमी याज्ञनिक, अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरई, बीजद की सुलता देव, भाजपा की एस फान्गनान कोन्याक और कांग्रेस के एल हनुमंथैया ने भी चर्चा में भाग लिया।