By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 22, 2022
कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना इस मुद्दे पर केंद्र और महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस सरकार पर निशाना साधते हुए कह रही हैं कि 1.54 लाख करोड़ रुपये का संयंत्र महाराष्ट्र की आर्थिक अनदेखी करके गुजरात को सौंप दिया गया है जो पहले महाराष्ट्र में स्थापित होना था। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार एकनाथ शिंदे के शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने के कुछ दिनों बाद इस साल 29 जून को गिर गई थी। एमवीए में शिवसेना के अलावा कांग्रेस और राकांपा भी शामिल थीं। परियोजना के गुजरात में स्थानांतरित होने को लेकर विपक्ष की आलोचना के बारे में पूछे जाने पर, सीतारमण ने कहा कि मौजूदा विपक्ष का मतलब वे लोग हैं जो चार महीने पहले तक राज्य में सत्ता में थे। उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में बुलेट ट्रेन परियोजना को रोकने वाले लोग कौन थे? पालघर जिले में 65,000 करोड़ रुपये की वाधवन परियोजना को रोकने वाले लोग कौन थे? नानार रिफाइनरी परियोजना को किसने रोका और मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड परियोजना में किसने बाधा उत्पन्न की?’’ मंत्री ने सवाल किया कि क्या ये परियोजनाएं महाराष्ट्र के लिए फायदेमंद नहीं थीं?।
उन्होंने कहा, ‘‘क्या इन सभी परियोजनाओं से गुजरात को फायदा हो रहा था? जब आप सत्ता में थे, तो आपने एक या दो परियोजनाओं को नहीं रोका, बल्कि पांच परियोजनाओं में बाधा उत्पन्न की। अब आप महाराष्ट्र के हित के नाम पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं और राजनीति के लिए कुछ भी कह रहे हैं।’’ जब सीतारमण से राकांपा प्रमुख शरद पवार के गृह क्षेत्र बारामती लोकसभा क्षेत्र के उनके दौरे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह किसी परिवार के लिए नहीं बल्कि पार्टी के आधार को मजबूत करने के लिए इस निर्वाचन क्षेत्र में आयी हैं। सीतारमण ने अपने दौरे के हिस्से के तौर पर केंद्र की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के साथ बातचीत की।