Operation Zeppelin: मोसाद, हिंडनबर्ग और अडानी, सर्वर हैक से पता चली राहुल-अंकल सैम की कारस्तानी, कॉरपोरेट वर्ल्ड के सबसे बड़े कोवर्ट ऑपरेशन की कहानी

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By अभिनय आकाश | Apr 24, 2025

Operation Zeppelin: मोसाद, हिंडनबर्ग और अडानी, सर्वर हैक से पता चली राहुल-अंकल सैम की कारस्तानी, कॉरपोरेट वर्ल्ड के सबसे बड़े कोवर्ट ऑपरेशन की कहानी

राजधानी दिल्ली के मान सिंह रोड का साउथ ब्लाक का इलाका, पता 24 अकबर रोड, देश की ग्रैंड ओल्ड पार्टी कांग्रेस का हेडक्वार्टर, भरी दोपहर पिछले आठ दिनों से 400 पार एक्यूआई लेवल से लोगों की अटकी सांसों के बीच राहुल गांधी अपने फेवरेट टॉपिक यानी गौतम अडानी के बारे में बात करने के लिए पत्रकारों के बीच पहुंचते हैं। अपने चिरपरिचित अंदाज में केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हैं और पूछते हैं अडानी जेल के बाहर क्यों हैं? इसका जवाब भी खुद देते हुए बताते हैं कि क्योंकि नरेंद्र मोदी, अडानी के कंट्रोल में हैं। अडानी का जिक्र होता है तो एक रिपोर्ट का भी जिक्र अक्सर होता है जो बड़ी बड़ी कंपनियों की दुनिया हिलाने का दावा कभी करती आई थी। लेकिन उसकी खुद की ही पूरी दुनिया हिल गई। नाम है अमेरिकी शार्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग। 2023 में हिंडनबर्ग बहुत ज्यादा चर्चा में आई और कहा जा रहा था कि उसकी रिपोर्ट के बाद अडानी पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, इसके ठीक उलट हिंडनबर्ग खुद ही बर्बाद हो गई। ऐसे में इसके पीछे की कहानी क्या है। ऑपरेशन जैपलिन को क्यों कहा जा रहा है उद्यम जगत के सबसे बड़े कोवर्ट ऑपरेशन। ये कहानी मोसाद की है। प्रथम विश्व युद्ध का दौर था। जर्मनी के एयरस्ट्राइक के दौरान कॉर्बेट बॉम्बिंग टर्म चर्चा में आया था। कहा जाता है कि बिजली की गति से दुश्मनों पर इसे गिराया जाता था। इस ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन जैपलिन इन दिया गया था। 

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हिंडनबर्ग के साथ हुआ क्या

631 डब्ल्यू 207वीं स्ट्रीट, न्यूयॉर्क सिटी, दिल्ली से करीब 12 हजार किलोमीटर का फासला है। लेकिन इसी पते से आई एक रिपोर्ट ने दिल्ली की राजनीति को हिला कर रख दिया था।  24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्द रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की थी। गौतम अडानी को दुनिया के सबसे बड़े कॉरपोरेट वर्ल्ड का ठग बताया था। रिपोर्ट में दावा किया कि अडानी ग्रुप की 7 प्रमुख लिस्टेड कंपनियां 85 फीसदी से अधिक ओवरवैल्यूज हैं। अगस्त, 2022 में फिच ग्रुप की एक फिक्स्ड इनकम रिसर्च फर्म क्रेडिटसाइट्स ने ग्रुप के कर्ज पर चिंजा जताई थी। क्रेडिटसाइट्स के अनुसार वित्त वर्ष 2022 में कंपनी का कर्ज 2.2 लाख करोड़ रुपये हो गया था।

गौतम अडानी से बात करते हुए नेतन्याहू मुस्कुराए

गौतम अडानी के ऊपर बिगेस्ट कॉन इन कॉरपोरेट वर्ल्ड जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट ठीक उसी वक्त प्रकाशित की थी जब इजरायल के एक सी-पोर्ट हाइफा के मेंटनेंस के लिए बोली लगा रही थी। इस बिडिंग में 18 कंपनियां शामिल थी। लेकिन इजरायल में जब आप बिडिंग करते हैं और स्टैटर्जिक पोर्ट लेते हैं तो उस कंपनी के बारे में पूरी तरह से तहकीकात की जाती है। उसके सिक्योंरिटी, बैकग्राउंड से लेकर सबकुछ वेरीफाई किया जाता है। इसकी पूरी छानबीन मोसाद करती है। जब पांच कंपनियां शार्टलिस्ट हुई तो उसमें एक चीन की कंपनी और एक भारत के अडानी की कंपनी टॉप 2 में आती हैं। फिर अडानी से बिडिंग जीत जाते हैं। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू खुद इस डील को साइन करने के लिए मौजूद होते हैं। तभी उन्होंने गौतम अडानी से एक सवाल पूछा था कि आपके ऊपर हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट है और आपके ऊपर बहुत गंभीर आरोप लगाए गए हैं। क्या इससे आपके बिजनेस को नुकसान पहुंचेगा? गौतम अडानी ने जवाब में इसे झूठा बताया। उस वक्त बेंजामिन नेतन्याहू मुस्कुराने लगे। उन्होंने कहा कि ये अटैक आप पर नहीं ये अटैक इजरायल पर है। आप हाइफा पोर्ट के लिए बोली लगाने में शामिल थे, इस वजह से ये अटैक है। ये बात सिर्फ अडानी और हाइफा पोर्ट की नहीं बल्कि भारत और इजरायल के रिश्तों को डिरेल करने की बहुत बड़ी साजिश है। 

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मोसाद ने अपने दो एजेंट को काम पर लगाया

मोसाद के एजेंट एंडरसन के पीछे भी लगे हुए थे कि वो कहां जा रहा है। किससे मिल रहा है। जब बेसिक जानकारी मिल गई कि वो चीनी फर्म से मिलता है। फिर ऑपरेशन का पार्ट टू शुरू हुआ। अमेरिका की व्हाइट स्नो नाम की लीगल फर्म को अडानी ने हायर किया। फिर कानूनी रूप से क्या किए जा सकते हैं। इसके लिए डोजीयर तैयार हुआ। डेढ़ साल के मंथन के बाद चीनी फर्म, अमेरिका के एक्टिविस्ट, भारत के कुछ मीडिया घराने और नेताओं के लिंक सामने आए। 326 पेजों का ये डोजीयर बताया जा रहा है। इस उद्देश्य के लिए मोसाद की दो बेहतरीन इकाइयों त्ज़ोमेट (HUMINT) और केशेट को सक्रिय किया गया। केशेट को साइबर ऑपरेशन और त्ज़ोमेट को जमीन पर एक एक करके दुश्मनों का सफाया करने की जिम्मेदारी दी गई। 

मोसाद की चैट में बिटर डाईनेस्ट का जिक्र

यही से ऑपरेशन जैपलिन इन की शुरुआत होती है। ये पूरी तरह से मोसाद का ऑपरेशन है। तीन तरह से साइबर वारफेयर, मोसाद एजेंट और लॉ फर्म व मीडिया हाउस के जरिए इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। मोसाद ने अपने एजेंटों को ओक ब्रूक टैरिस लोकेशन पर भेजा। ये सैम पित्रोदा का पता है। स्पुतनिक इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार इजरायल की जासूसी एजेंसी मोसाद ने भारतीय विपक्ष के हिंडनबर्ग रिसर्च से कथित संबंधों के सबूत तलाशने के लिए इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (आईओसी) के प्रमुख और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के राजनीतिक गुरु सैम पित्रोदा के घरेलू सर्वर को हैक कर लिया। मोसाद के निष्कर्षों का हवाला देते हुए सूत्रों ने दावा किया कि गांधी (मोसाद की चैट में बिटर डाईनेस्ट के रूप में संदर्भित) अडानी और मोदी को नुकसान पहुंचाने के लिए एंडरसन की टीम के साथ समन्वय कर रहे थे। जहां तक ​​पित्रोदा का सवाल है, सूत्रों ने कहा कि उनके अमेरिका स्थित घरेलू सर्वर की हैकिंग ने एन्क्रिप्टेड चैटरूम और बैकचैनल समन्वय को उजागर कर दिया। दावे इस तथ्य की ओर इशारा करते हैं कि इस अवधि के दौरान भारत के मुख्य विपक्षी नेताओं पर मोसाद की कड़ी नज़र थी। इस रिपोर्ट के अनुसार अडानी पर खुलासे के तीन महीने के बाद ही मई 2023 में राहुल गांधी ने हिंडनबर्ग के लोगों के साथ मुलाकात की थी। 

हिंडनबर्ग ने अपनी दुकान पर ताला लगाने का फैसला किया

2024 में एंडरनसन अडानी से संपर्क करते हैं। न्यूयॉर्क के मैनहटन में दोनों के मिलने का प्लान बनता है। एंडरसन सुलह चाहते थे। लेकिन बात बन नहीं सकी। नवंबर 2024 के मीटिंग फेल होने के बाद हिंडनबर्ग के मालिक एंडरनसन ने अपनी शार्ट सेलर कंपनी को बंद करने की घोषणा कर दी। कंपनी के फाउंडर नाथन एडंरसन ने खुद इसकी जानकारी देते हुए कहा कि उन्होंने अपनी कंपनी को बंद करने का फैसला लिया है। एंडरसन ने सोशल मीडिया एप एक्स पर ये ऐलान किया है। उन्होंने लिखा कि हमारी योजना थी कि हम जिन विचारों पर काम कर रहे हैं उन्हें पूरा करने के बाद कंपनी को बंद कर दिया जाए। वो दिन आज आ गया है। 

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हिंगनबर्ग की दुकान बंद होने के बाद स्वीजरलैंड में बैठक

रिपोर्ट में सैम पित्रोदा का लिंक, राहुल गांधी का लिंक, अमेरिकी वकीलों, एक्टिविस्ट जजों, भारत के पत्रकारों, अमेरिका के पत्रकारों का लिंक का खुलाया किया है। ट्रेड फ्रंड मैनेजर से लेकर जार्ज सोरोस तक के लिंक सामने आए हैं। इसलिए इस ऑपरेशन को उद्यम जगत के सबसे बड़े कोवर्ट ऑपरेशन बताया जा रहा है। अडानी ने मीडिया में नहीं बोला। लेकिन अडानी, मोसाद या बेंजामिन नेतन्याहू ने पर्दे के पीछे काम किया। हिंगनबर्ग की दुकान बंद होने के बाद ऑपरेशन जैपलिन इन स्वीजरलैंड में आखिरी बैठक करता है। इस बैठक में अडानी भी शामिल होते हैं। इसमें उन्हें सारे डाक्यूमेंट सौंपे जाते हैं और फिर दोनों हाथ मिलाकर विदा लेते हैं। 


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