By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 06, 2021
नयी दिल्ली| यूनिसेफ की एक नयी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 15 से 24 साल के बच्चों में सात में से एक बच्चा अक्सर उदास महसूस करता है या काम करने में दिलचस्पी नहीं लेता। रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि कोविड महामारी वर्षों तक बच्चों और युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को प्रभावित कर सकती है।
यूनिसेफ और गैलप द्वारा 2021 की शुरुआत में 21 देशों में 20,000 बच्चों और वयस्कों पर किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया कि भारत में युवा मानसिक तनाव के दौरान किसी का समर्थन लेने से बचते हैं।
स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स चिल्ड्रन 2021 रिपोर्ट में कहा गया है, भारत में 15 से 24 साल के बच्चों में केवल 41 प्रतिशत ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए मदद लेना अच्छा है, जबकि 21 देशों में यह औसतन 83 प्रतिशत है।
भारत उन 21 देशों में से एक है जहां बहुत कम युवाओं को लगता है कि मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करने वाले लोगों को दूसरों की मदद लेनी चाहिए।
रिपोर्ट के अनुसार 21वीं सदी में बच्चों, किशोरों और देखभाल करने वालों के मानसिक स्वास्थ्य पर एक नजर डालने वाले यूनिसेफ ने कहा कि कोविड-19 महामारी का बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव पड़ा है। सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि भारत में 15 से 24 साल के बच्चों में सात में से एक अक्सर उदास महसूस करता है या काम करने में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं है।