By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 03, 2020
मोदी ने कहा कि विस्तारवाद का दौर समाप्त हुआ और भारत के शत्रुओं ने उसके सशस्त्र बलों के ‘कोप और क्रोध’ को देख लिया है। मोदी की यात्रा पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चीन और भारत सैन्य तथा राजनयिक माध्यमों से एक दूसरे के साथ संपर्क में हैं। किसी भी पक्ष को ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जो सीमा पर हालात को जटिल बना दे।’’ भारत ने बृहस्पतिवार को कहा था कि वह चीन से द्विपक्षीय समझौतों के प्रावधानों के अनुरूप सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन-चैन तेजी से बहाल करने की अपेक्षा करता है। भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में कई जगहों पर पिछले सात सप्ताह से गतिरोध बना हुआ है। 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद तनाव और बढ़ गया।
कई दिन बाद चीन ने माना कि उसके भी जवान हताहत हुए हैं लेकिन उसने ब्योरा नहीं दिया। झाओ ने ब्रीफिंग में यह भी कहा कि चीनी कंपनियों के माल को सीमाशुल्क मंजूरी मिलने में देरी की खबरों के बीच और चीनी कंपनियों को सड़क परियोजनाओं में शामिल होने से रोकने के भारत के फैसले के बाद बीजिंग भारत में अपने कारोबारों के वैध अधिकारों के लिहाज से जरूरी कदम उठाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय पक्ष को चीन पर गलत रणनीतिक अनुमान नहीं लगाना चाहिए। हमें उम्मीद है कि वह हमारे द्विपक्षीय संबंधों की समग्र तस्वीर को बनाये रखने के लिए चीन के साथ मिलकर काम करेगा।