By अभिनय आकाश | Jul 15, 2022
भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया है। प्रधानमंत्री के निजी आवास को आग लगा दी गई है। श्रीलंका में हालात कितने खराब हैं इसका अंदाजा इससे लगाइये कि सरकारी न्यूज चैनल तक में प्रदर्शकारी घुस गये। इतना ही नहीं एक प्रदर्शनकारी वहां न्यूज एंकर बनकर बैठ गया और बोलने लगा। संसद के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने शुक्रवार को इस बात की घोषणा की। उन्होंने बताया कि गुरुवार को गोटबाया राजपक्षे ने कानूनी तौर पर राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति चुनाव 22 जुलाई को होगा।
महिंद्रा राजपक्षे के देश छोड़ने पर सुप्रीम रोक
श्रीलंका की सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री महिंद्र राजपक्षे और पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है। ये दोनों 28 जुलाई तक अदालत की अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जा सकते हैं। इनके साथ ही सेंट्रल बैंक के दो पूर्व गवर्नरों के भी बिना अनुमति देश छोड़े पर रोक लगा दी गई है।
कौन होगा श्रीलंका का अगला राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री ?
साल 1948 यानी अपनी आजादी के बाद सबसे बुरे दौर से गुजर रहे श्रीलंका का खेवनहार कौन होगा। श्रीलंका में ये सवाल हर किसी की जुबान पर है। इस बारे में अभी तक मिली जानकारी के अनुसार स्पीकर अभयवर्धने राष्ट्रपति की दौड़ में आगे हैं। अभयवर्धने को श्रीलंका में सत्ताधारी दल का समर्थन हासिल है। वहीं सजित प्रेमदासा श्रीलंका के अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं। विपक्षी पार्टियां मिलकर प्रेमदासा का समर्थन कर सकती हैं। सजित प्रेमदासा श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रणसंघे प्रेमदासा के बेटे हैं। जिनकी राष्ट्रपति पद पर रहते हुए हत्या कर दी गई थी। सजित पहले ही कह चुके हैं कि वो नेतृत्व संभालने के लिए तैयार हैं। रही बात रानिल विक्रमासिंघे की तो वो कार्यवाहक राष्ट्रपति तो बन गए हैं। सत्ता प्रतिष्ठान पर पकड़ भी रखते हैं। लेकिन पब्लिक उनके खिलाफ है और जिस तरह उनका विरोध कर रही है। उसे देखते हुए तो यही लग रहा है कि वो मौजूदा हालात में कार्यवाहक से आगे नहीं बढ़ पाएंगे।
कार्यवाहक राष्ट्रपति ने किए कई बड़े ऐलान
श्रीलंका में हालात सामान्य करने के लिए कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने लिए कई ऐलान किए हैं। अब श्रीलंका में राष्ट्रपति के लिए महामहिम शब्द का आधिकारिक रूप से इस्तेमाल नहीं होगा। इसके साथ ही प्रेसिडेंट के फ्लैग को भी हटा दिया गया है। विक्रमसिंघे ने कहा कि किसी गुट को संसद को तबाह करने की इजाजत नहीं होगी। साथ ही देश के सांसदों को सुरक्षा भी दी जाएगी ताकि वो अपनी बात रख सके। कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और इंस्पेक्टर जनरल की कमेटी को खुली छूट दे दी गई है। इसमें तीनों सेनाओं के कमांडर भी होंगे।
जानें श्रीलंका संकट की पूरी टाइमलाइन
15 मार्च 2022: राजपक्षे परिवार के खिलाफ विद्रोह शुरू हो गया। सरकार ने खाद्य वस्तुओं पर इमरजेंसी लगा दी।
2 अप्रैल 2022: राष्ट्रपति आवास के बाहर हिंसक प्रदर्शन की वजह से आपातकाल लगाया गया।
4 अप्रैल 2022: प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे के बेटे नमल राजपक्षे समेत 26 मंत्रियों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया।
6 मई 2022: पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। देश में दोबारा आपातकाल लगाया गया।
9 मई 2022: महिंद्रा राजपक्षे ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। रानिल विक्रमसिंघे नए राष्ट्रपति बने।
5 जुलाई 2022: प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने श्रीलंका के दिवालिया होने की घोषणा की।
9 जुलाई 2022: प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया। राष्ट्रपित गोटाबाया अपना आवास छोड़ भाग निकले।
10 जुलाई 2022: प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के घर में आग लगा दी। जिसके बाद 3 लोग गिरफ्तार किए गए।
11 जुलाई 2022: 15 जुलाई को संसद के नए सत्र और 22 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव का ऐलान किया गया।
12 जुलाई 2022: श्रीलंका के पूर्व वित्त मंत्री और गोटाबाया के भाई वासिल राजपक्षे देश छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कोलंबो हवाई अड्डे पर उन्हें रोक लिया गया।
13 जुलाई 2022: प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया गया। उग्र प्रदर्शन को देखते हुए इमरजेंसी लगा दी गई।
14 जुलाई 2022: राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे देश छोड़ सिंगापुर पहुंचे। उके साथ उनकी पत्नी और दो बॉडीगार्ड भी थे।
15 जुलाई 2022: गोटाबाया राजपक्षे का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया। पीएम विक्रमसिंघे अंतरिम राष्ट्रपति की शपथ ली।