सोल। दक्षिण कोरिया की सेना के अनुसार उत्तर कोरिया का मिसाइल प्रक्षेपण आज संभवत: असफल रहा। यह ऐसे समय में हुए हाई प्रोफाइल असफल प्रक्षेपणों की कड़ी में एक और प्रक्षेपण है जब इस बात की चिंता जताई जा रही है कि प्योंगयांग अमेरिका की मुख्य भूमि तक पहुंचने में सक्षम एक परमाणु मिसाइल बनाने का लक्ष्य पाने के लिए जोरशोर से काम कर रहा है। दक्षिण कोरिया की योनहाप संवाद समिति ने बिना किसी सूत्र के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा कि यह मध्यम दूरी की क्षमता वाली शक्तिशाली मुसुदन मिसाइल थी। यदि यह सही है तो यह एक ऐसी नई मिसाइल के सफल प्रयोगिक परीक्षण की दिशा में उत्तर कोरिया की चौथी असफलता है जो एशिया एवं प्रशांत में अमेरिकी सैन्य अड्डों तक पहुंच सके।
सोल के रक्षा अधिकारियों ने इस रिपोर्ट की तत्काल पुष्टि नहीं की। दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने एक बयान में कहा कि उत्तर कोरिया ने वोनसान इलाके से तड़के अज्ञात मिसाइल के प्रक्षेपण की कोशिश की लेकिन यह कोशिश संभवत: असफल रही। सेना इस बात का विश्लेषण कर रही है कि क्या हुआ है और उसके पास अधिक जानकारी नहीं है। हाल में मिली असफलताओं के बावजूद इस वर्ष उत्तर कोरिया की परमाणु एवं मिसाइल गतिविधियों को लेकर चिंताएं व्यक्त की गई हैं। उत्तर कोरिया ने जनवरी में एक परमाणु परीक्षण किया था और उसने फरवरी में भी लंबी दूरी के एक रॉकेट का प्रक्षेपण किया था।
हालिया प्रक्षेपण से पहले सोल ने प्योंगयांग के वार्ता के प्रस्ताव को हाल में अस्वीकार कर दिया था। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह उत्तर कोरिया की वार्ता शुरू करने की कोशिश है ताकि उसे सहायता मिल सके। उत्तर कोरिया ने अप्रैल में मध्यम दूरी की क्षमता वाली तीन शक्तिशाली मिसाइलों के संदिग्ध प्रक्षेपण की असफल कोशिश की थी। मुसुदन मिसाइलों की मारक क्षमता करीब 3,500 किलोमीटर है, यानी कि ये मिसाइलें उत्तर कोरिया को गुआम में अमेरिकी सैन्य अड्डों पर निशाना साधने में सक्षम बना देंगी। दक्षिण कोरिया का मानना है कि उत्तर कोरिया के पास अमेरिका की मुख्य भूमि पर हमला करने में सक्षम मिसाइल अभी नहीं है लेकिन वह इस दिशा में काम कर रहा है। अप्रैल में किए गए संदिग्ध प्रक्षेपण से पहले उत्तर कोरिया ने कभी मुसुदन मिसाइल का परीक्षण नहीं किया है। हालांकि प्योंगयांग में 2010 में एक सैन्य परेड में इसे प्रदर्शित किया गया था।