By अंकित सिंह | Aug 01, 2023
विपक्ष की ओर से बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 8 अगस्त को लोकसभा में चर्चा हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक, चर्चा तीन दिनों तक हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त को बहस का जवाब देंगे। 26 जुलाई को इंडिया नाम के विपक्षी मोर्चे ने लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। इस प्रस्ताव का उद्देश्य मणिपुर जातीय हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग करना है।
नियमों का पालन करते हुए, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 50 से अधिक सांसदों की गिनती के बाद प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। बिरला ने बताया कि प्रस्ताव पर चर्चा की तारीख और समय सभी दलों से विचार-विमर्श के बाद तय किया जाएगा। हालांकि, विपक्ष इसपर जल्द से जल्द चर्चा की मांग कर रहा है। लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मनिकम टैगोर ने पहले कहा था कि यह प्रस्ताव सरकार के खिलाफ विपक्ष के अंतिम विकल्प का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि हम मोदी के अहंकार को तोड़ना चाहते थे। वह एक अहंकारी व्यक्ति की तरह व्यवहार कर रहे हैं - संसद में नहीं आ रहे हैं और मणिपुर पर बयान नहीं दे रहे हैं। हमें लगता है कि इस आखिरी हथियार का इस्तेमाल करना हमारा कर्तव्य है।
लोकसभा में मणिपुर के मुद्दे पर मंगलवार को भी पिछले कुछ दिनों की तरह गतिरोध बरकरार रहा और विपक्षी दलों के सदस्यों के शोर-शराबे के कारण सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई। कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू कराया, उसी समय विपक्षी दलों के सदस्य मणिपुर के मुद्दे पर जल्द चर्चा कराने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जवाब की मांग करते हुए हंगामा करने लगे। हाथों में तख्तियां लिए हुए कई विपक्षी सांसद आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बीच ही पंचायती राज्य मंत्री कपिल पाटिल और कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने अपने मंत्रालयों से संबंधित पूरक प्रश्नों के उत्तर दिए।