नयी दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि कार्यस्थलों पर डाक्टरों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और सरकार उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही उन्होंने डाक्टरों से अपने प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन को वापस लेने की अपील की जिसके तुरंत बाद आईएमए ने इसे वापस ले लिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के साथ डाक्टरों के एक समूह तथा भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) के प्रतिनिधियों से बातचीत की और कोरोना वायरस के खिलाफ संघर्ष में उनके योगदान को सराहा। साथ ही शाह ने उन्हें सुरक्षा का भरोसा भी दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। गृह मंत्री की डाक्टरों के साथ यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब देशभर से कोरोना वायरस से लोहा ले रहे डाक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले की खबरें आ रही हैं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए डाक्टरों और आईएमए के प्रतिनिधियों से बातचीत की।
अधिकारी ने बताया कि शाह ने डाक्टरों के अच्छे काम के लिए उनकी सराहना की और उन्हें पूर्ण सुरक्षा का आश्वासन दिया। अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्री ने साथ ही उनसे अपील की कि वे प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन भी ना करें क्योंकि सरकार डाक्टरों के साथ है। बाद में शाह ने ट्वीट किया, ‘‘स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और मैंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए डाक्टरों और आईएमए के प्रतिनिधियों से बातचीत की।’’ ‘‘जिस तरह से इस संकट के समय में हमारे डाक्टर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं, वह अभूतपूर्व है। मैं हर भारतीय से अपील करता हूं कि कोरोना वायरस के खिलाफ संघर्ष में डाक्टरों के साथ सहयोग करें।’’ एक और ट्वीट में शाह ने कहा, ‘‘ कार्यस्थलों पर हमारे डाक्टरों की सुरक्षा और सम्मान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यह सुनिश्चित करना हमारा सामूहिक जिम्मेदारी है कि उनके लिए हर समय अनुकूल माहौल उपलब्ध कराया जाए। मैंने डाक्टरों को आश्वासन दिया है कि मोदी सरकार उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध है और उनके प्रस्तावित प्रदर्शन पर उनसे फिर से विचार करने की अपील करती है।’’
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आईएमए कोरोना वायरस संकट के दौरान अपनी ड्यूटी कर रहे डाक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रहे हमलों के विरोध में एक प्रदर्शन की योजना बना रहा था। बाद में आईएमए ने कहा कि उसने विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया। देश के विभिन्न भागों से ऐसी रिपोर्टे आ रही हैं कि कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के इलाज में लगे डाक्टरों के साथ दुर्व्यवहार के साथ ही उनके साथ मारपीट और पथराव करने और लोगों द्वारा उन्हें उनके घरों में घुसनेसे रोका जा रहा है। शिलोंग और चेन्नई में कोरोना वायरस के कारण जान गंवाने वाले दो डाक्टरों के परिजन को उनका अंतिम संस्कार करने तक में भरी दिक्कत का सामना करना पड़ा था क्योंकि स्थानीय लोगों का कहना था कि मृतकों को उनके इलाकों में दफनाए जाने से वहां कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा हो सकता है।