By रेनू तिवारी | Dec 27, 2024
भाजपा की बिहार इकाई 2025 में होने वाले महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों से पहले गठबंधन सहयोगी जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड) के साथ नेतृत्व के मुद्दों पर किसी भी गलतफहमी को दूर करने के लिए डैमेज कंट्रोल मोड में है। 22 दिसंबर को, राज्य के भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने स्पष्ट रूप से कहा कि आगामी बिहार चुनाव मुख्यमंत्री और जेडी(यू) प्रमुख नीतीश कुमार को एनडीए के चेहरे के रूप में लड़े जाएंगे। चौधरी ने अटकलों को खारिज करते हुए कहा, ''बिहार में एनडीए नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम कर रहा है और हम दोनों नेताओं के नेतृत्व में चुनाव लड़ते रहेंगे।'' उन्होंने कहा, ''2020 में हमने (कुमार को एनडीए का मुख्यमंत्री चेहरा) घोषित करके चुनाव लड़ा और आज तक हमने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही (बिहार में एनडीए नेता के रूप में) माना है। भविष्य में भी हम नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे।'' राजनीतिक हलकों में भ्रम की स्थिति को देखते हुए यह स्पष्टीकरण महत्वपूर्ण और आवश्यक था - और इसके सहयोगी जेडी(यू) के लिए संदेह - कि भाजपा बिहार में महाराष्ट्र जैसा प्रदर्शन कर सकती है।
नीतीश कुमार नाराज़?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक समाचार चैनल को दिए गए हालिया साक्षात्कार के बाद अफ़वाहों का बाज़ार तेज़ हो गया। इस सवाल का जवाब देते हुए कि क्या एनडीए बिहार चुनाव में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम बताए बिना उतरेगा (यह रणनीति महाराष्ट्र में कारगर साबित हुई), शाह ने कुछ देर रुकने के बाद कहा, "हम साथ बैठकर तय करेंगे। हम फैसला लेने के बाद आपको बताएँगे।" उनके जवाब ने नीतीश कुमार के भविष्य को लेकर चर्चाएँ शुरू कर दीं।
परदे के पीछे
खुश और स्वस्थ नीतीश कुमार ने 23 दिसंबर को अपनी रिकॉर्ड 14वीं यात्रा 'प्रगति यात्रा' शुरू की। लेकिन एनडीए गठबंधन के सहयोगियों के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। पटना के वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय कहते हैं, "भाजपा के राज्य नेतृत्व से आने वाले बयान नीतीश या उनके साथियों को संतुष्ट नहीं करेंगे। वे दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेतृत्व से स्पष्टीकरण चाहते हैं।" उपाध्याय कहते हैं, "नीतीश की हरकतें और प्रतिक्रियाएं तुरंत होती हैं। वे समझदारी से हमला करते हैं। बिहार में राजनीतिक उथल-पुथल जारी है। महाराष्ट्र में घटनाक्रम के बाद जेडीयू सतर्क है।"
नीतीश कुमार की मुजफ्फरपुर, वैशाली की प्रगति यात्रा रद्द
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुजफ्फरपुर और वैशाली जिलों की ‘प्रगति’ यात्रा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद रद्द कर दी गई है। शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी बयान के अनुसार, “पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद 27 और 28 दिसंबर को होने वाली मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा रद्द कर दी गई है।” मुख्यमंत्री को 27 और 28 दिसंबर को क्रमशः मुजफ्फरपुर और वैशाली जिलों का दौरा करना था।
राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता
पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद के करीबी माने जाने वाले आरजेडी विधायक भाई बीरेंद्र ने गुरुवार को कहा कि अगर बिहार के सीएम नीतीश कुमार बीजेपी से अलग हो जाते हैं तो वे उनका "स्वागत" करेंगे। बीरेंद्र ने कहा, "राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता। अगर सांप्रदायिक ताकतों से गठबंधन तोड़कर नीतीश हमारे पास आते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे।" उनकी यह टिप्पणी इस बात पर चल रही रस्साकशी के बीच आई है कि क्या नीतीश अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में एनडीए का चेहरा होंगे। बीरेंद्र ने पत्रकारों से यह कहकर चर्चा शुरू कर दी कि बिहार में पहले भी "राजनीतिक खेल" देखे गए हैं और उन्हें "देखते रहना चाहिए"। "खेला होता रहा है और आगे भी होगा। देखते रहिए।" नीतीश की जेडी(यू) ने इस टिप्पणी को "बकवास" करार दिया। जेडी(यू) के नीरज कुमार ने कहा, "आरजेडी लगातार लोगों के बीच भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रही है। लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों (पिछले महीने) में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी के अंदर बेचैनी है।" बीजेपी के दिलीप जायसवाल ने आरजेडी पर हताशा का आरोप लगाया।