By अंकित सिंह | Jun 04, 2024
लोकसभा चुनाव के नतीजे को अगर समझने की कोशिश करें तो कहीं ना कहीं एनडीए को मिली बहुमत में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू का अहम रोल है। इसके अलावा चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी भी इस बार एनडीए में अहम भूमिका निभाती नजर आ रही है। इसका बड़ा कारण यह है कि 2014 और 2019 की तरह इस बार भाजपा अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं ला सकी है। इन सबके बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सभी की नजरे है। क्योंकि कहीं ना कहीं मोदी की सरकार नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की ही बदौलत चलती हुई आगे दिखाई देगी। लेकिन बिहार में एक चर्चा जबरदस्त तरीके से गर्म होती दिखाई दे रही है।
दावा किया जा रहा है कि बिहार के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे थे। हालांकि नीतीश कुमार से सम्राट चौधरी की मुलाकात नहीं हो पाई है। बताया जा रहा है नीतीश कुमार उस वक्त तक खाने चले गए थे। इसके बाद से नीतीश कुमार के अगले कदम को लेकर बिहार में चर्चाओं का दौर जबरदस्त तरीके से जारी है। दूसरी ओर कांग्रेस भी नीतीश कुमार से संपर्क साधने की कोशिश कर रही है। बताया जा रहा है कि शरद पवार को नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को अपने साथ करने की जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन सार्वजनिक तौर पर फिलहाल शरद पवार ने इससे इनकार किया है।
इंडिया गठबंधन को 230 के आसपास सीटें मिलती हुई दिखाई दे रही हैं। कांग्रेस का आत्मविश्वास जबरदस्त तरीके से बुलंद है। इसका बड़ा कारण यह है कि वह 100 सीटों के आसपास जाती हुई दिखाई दे रही है। बिहार की 40 लोकसभा सीटों की लड़ाई में नीतीश कुमार-नरेंद्र मोदी गठबंधन (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने तेजस्वी यादव-राहुल गांधी के भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (INDIA) को पछाड़ दिया। कुमार द्वारा पिछले पांच वर्षों में दो बार गठबंधन बदलने के बावजूद लड़ाई पिछले आम चुनाव जैसी ही थी। 2019 में राज्य की 40 में से 39 सीटों पर एनडीए का कब्जा था। लेकिन इस बार उसे 32 सीटें मिलती हुई दिखाी दे रही है।