पुराने तरीकों के साथ नयी स्थितियों से नहीं निपटा जा सकता, अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिम को जयशंकर का कड़ा संदेश

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By अभिनय आकाश | Jun 02, 2023

पुराने तरीकों के साथ नयी स्थितियों से नहीं निपटा जा सकता, अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिम को जयशंकर का कड़ा संदेश

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ एक एकीकृत लड़ाई का आह्वान किया है। एस जयशंकर ने ब्रिक्स को एक मजबूत संदेश भेजने की बात करते हुए कहा कि दुनिया बहुध्रुवीय है। पुराने तरीके नई स्थितियों में कारगर नहीं हो सकते। दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन में ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए जयशंकर ने समूह के सदस्यों से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैसे अंतर्राष्ट्रीय निकायों के सुधारों को आगे बढ़ाने और इसके वित्तपोषण सहित सभी प्रकार के आतंकवाद से निपटने के लिए गंभीर प्रयास करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सभी देशों को इसके वित्त पोषण और प्रचार समेच इस खतरे के खिलाफ कड़े कमद उठाने चाहिए। 

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पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से हमला

जयशंकर ने ब्रिक्स के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से हमला बोलते हुए कहा कि आतंकवाद का उसके सभी स्वरूपों और अभिव्यक्तियों में मुकाबला किया जाना चाहिए और किसी भी परिस्थिति में आतंकवादी कृत्यों में संलिप्त लोगों को कभी भी माफ नहीं किया जाना चाहिए। जयशंकर ने अतीत में पाकिस्तान को आतंकवाद का केंद्र बताया है जहां हाफिज सईद, मसूद अजहर, साजिद मीर और दाऊद इब्राहिम जैसे आतंकवादियों ने पनाह ली है। जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय स्थिति को चुनौतीपूर्ण करार देते हुए कहा कि वैश्विक वातावरण आज मांग करता है कि ब्रिक्स राष्ट्रों को प्रमुख समकालीन मुद्दों पर गंभीरता से, रचनात्मक और सामूहिक रूप से विचार करना चाहिए। 

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वैश्विक निर्णय लेने में सुधार के संबंध में गंभीरता प्रदर्शित करें

जयशंकर ने ब्रिक्स के सदस्य देशों से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार के लिए अपनी गंभीरता प्रदर्शित करने का आह्वान किया। भारत लंबे समय से सुरक्षा परिषद में लंबित सुधार की जोरदार वकालत करने में अग्रणी रहा है। विदेश मंत्री ने कहा कि दो दशकों से हमने बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार की मांग सुनी है, लेकिन हमें लगातार निराशा ही हाथ लगी है। इसलिए, यह अनिवार्य है कि ब्रिक्स सदस्य देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित वैश्विक निर्णय लेने में सुधार के संबंध में गंभीरता प्रदर्शित करें।


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