By अभिनय आकाश | Jul 12, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिन नए संसद भवन की बिल्डिंग की छत पर कांस्य के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ का आनावरण किया। लेकिन इसके बाद से ही इसको लेकर विपक्षी दलों के नेताओं की ओर से विभिन्न तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं और अलग-अलग तर्क दिए जा रहे हैं। इसी क्रम में अशोक स्तंभ को लेकर किए गए ट्वीट को लेकर आप सांसद संजय सिंह और बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ट्विटर पर भिड़ गए हैं। दरअसल, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने ने एक ट्वीट को शेयर करते हुए सवाल उठाया कि मैं 130 करोड़ भारतवासियों से पूछना चाहता हूँ राष्ट्रीय चिन्ह बदलने वालों को “राष्ट्र विरोधी”बोलना चाहिये की नही बोलना चाहिये।
संजय सिंह ने जो ट्वीट किया उसमें लिखा था कि नीचे हमारे राष्ट्रीय चिन्ह की 2 तस्वीरें हैं। एक में सिंह जिम्मेदार शासक की तरह गंभीर मुद्रा में दिख रहा है और दूसरे में सिर्फ आदमखोर शासक की भूमिका मे खौफ फैलाने जैसा। जिसके बाद, संजय सिंह के इस ट्वीट पर कई सारी प्रतिक्रिया आ रही है। कई यूजर्स ने अशोक स्तंभ की पुरानी फोटोज शेयर की हैं और कहा है कि दोनों में कोई अंतर नहीं है। वहीं बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने भी संजय सिंह के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए उन पर निशाना साधा है। कपिल मिश्रा ने लिखा कि संजय सिंह जी, भगवंत मान जी वाली दवाई पीकर ट्वीट मत किया कीजिये , आप झेल नहीं पाते। अशोक चिन्ह के शेर को आदमखोर कह कर आप केवल खुद की बची खुची इज्जत का केजरीवाल बनवा रहे हो।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद जवाहर सरकार और महुआ मोइत्रा ने केंद्र की मोदी सरकार पर दिल्ली में नए संसद भवन के शीर्ष पर अशोक की शेर राजधानी की "आक्रामक" और "अनुपातहीन" समानता स्थापित करके राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान करने का आरोप लगाया है। राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने ट्विटर पर कहा, "हमारे राष्ट्रीय प्रतीक, राजसी अशोकन लायंस का अपमान करें। मूल बाईं ओर है, सुंदर, वास्तविक रूप से आत्मविश्वासी है। दाईं ओर वाला मोदी का संस्करण है, जिसे नए संसद भवन के ऊपर रखा गया है - झुंझलाहट, अनावश्यक रूप से आक्रामक और अनुपातहीन। शर्म! इसे तुरंत बदलो!"
बता दें कि संसद भवन की छत पर बने कांस्य के राष्ट्रीय प्रतीक की लंबाई 6.5 मीटर है। इसका वजन 9 हजार 500 किलोग्राम का बताया जा रहा है जो कांस्य से बनाया गया है। इसके सपोर्ट के लिए करीब 6500 किलो वजन के एक स्टील की सहायक संरचना का भी निर्माण करवाया गया है। बताया जा रहा है कि नए संसद भवन की छत पर लगने वाले अशोक स्तंभ चिन्ह को आठ चरणों की प्रक्रिया के बाद तैयार किया गया है।