By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 30, 2025
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को कहा कि भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने एक विशेष समुदाय के वोटों की खातिर आजादी के बाद गुजरात में पुनर्निर्मित सोमनाथ मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने के तत्कालीन उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया था।
यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक कार्यक्रम में यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना सम्राट विक्रमादित्य से की और कहा कि दोनों ही जनता के सेवक के रूप में प्रसिद्ध हैं।
यादव ने कहा, “जब सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया था, तो सार्वजनिक दान से इसे बनवाने वाले तत्कालीन उप प्रधानमंत्री वल्लभभाई पटेल ने नेहरू को आमंत्रित किया, लेकिन नेहरू ने कहा कि ऐसा न करें क्योंकि इससे एक धर्म के अनुयायी नाखुश होंगे। नेहरू ने एक विशेष समुदाय के वोटों की खातिर सोमनाथ मंदिर का उद्घाटन करने से इनकार कर दिया था।”
भाजपा की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में मुख्यमंत्री के हवाले से कहा गया कि “नेहरू ने वोटों की खातिर देश के नैतिक मूल्यों और सनातन संस्कृति को दरकिनार कर दिया।”
यादव ने कहा कि हालांकि, तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने मंदिर का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब भी राम मंदिर के निर्माण का विरोध करती है और अयोध्या में मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं हुई। प्रसाद ने 11 मई 1951 को सोमनाथ मंदिर का उद्घाटन किया था।