By अनन्या मिश्रा | Oct 31, 2024
भारत में हर साल 31 अक्तूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है। इसी दिन सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म हुआ था। सरदार पटेल देश के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे, साथ ही वह देश के पहले उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री भी थे। ऐसे में राष्ट्रीय एकता दिवस का दिन भारत के नागरिकों के बीच एकता और सद्भाव को बढ़ावा देने का काम करता है। साथ ही यह दिन सरदार पटेल के एकजुट भारत के दृष्टिकोण को भी दर्शाता है। तो आइए जानते राष्ट्रीय एकता दिवस का इतिहास, महत्व और थीम के बारे में...
राष्ट्रीय एकता दिवस का इतिहास
साल 2014 से हर साल 31 अक्तूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस को मनाने की शुरूआत हुई। भारत सरकार ने एक दिन सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित करने का फैसला किया था। देश की आजादी के बाद सरदार पटेल ने रियासतों को भारतीय संघ में एकीकृत करने में अहम भूमिका निभाई थी। सरदार पटेल के प्रयासों से पहले भारत एक खंडित राज्य था। उनके कूटनीतिक कौशल और दृढ़ संकल्प ने 565 से अधिक रियासतों को एक संयुक्त देश में विलय करने में मदद की। इससे आधुनिक भारत की नींव रखी गई। ऐसे में सरदार पटेल के योगदान को सम्मान देने के लिए साल 2014 से हर साल 31 अक्तूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाने लगा।
थीम
हर साल राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर एक खास थीम रखी जाती है। यह थीम देश के नागरिकों के बीच एकता और अखंडता को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार द्वारा की जा रही पहलों से जुड़ी होती है। इस बार इस दिन की थीम रायगढ़ का किला है।
महत्व
देश की स्वतंत्रता की बात करें, तो राष्ट्रय एकता दिवस का बहुत महत्व है। यह दिन भारत जैसे विविधतापूर्ण राष्ट्र में राष्ट्रीय एकता के महत्व को याद दिलाता है। भारत विभिन्न जातियों, संस्कृतियों और धर्मों का घर है। आज भी सरदार पटेल का मजबूत और एकजुट भारत का सपना गूंजता है।