By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 24, 2021
इसने मामले को निचली अदालत से उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की सीबीआई की याचिका पर सुनवाई की और साथ ही आरोपियों की याचिका पर भी सुनवाई की जिसमें उन्होंने निचली अदालत के फैसले पर उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई रोक को हटाने का आग्रह किया है। सीबीआई ने उच्च न्यायालय के समक्ष असाधारण स्थितियों का हवाला देते हुए मामले को स्थानांतरित करने का आग्रह किया। एजेंसी ने दावा किया कि गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीबीआई दफ्तर में धरने पर बैठीं और कार्यालय परिसर के बाहर बड़ी संख्या में उग्र भीड़ के प्रदर्शन के कारण वह चारों आरोपियों को अदालत में सशरीर पेश नहीं कर पाई। चार नेता -- फिरहाद हाकिम और सुब्रत मुखर्जी, टीमएसी के विधायक मदन मित्रा और महानगर के पूर्व महापौर शोभन चटर्जी को सीबीआई ने 17 मई की सुबह गिरफ्तार किया था।
सीबीआई उच्च न्यायालय के आदेश पर नारद स्टिंग टेप मामले की जांच कर रही है। सीबीआई की विशेष अदालत ने चारों आरोपियों को उस दिन अंतरिम जमानत दे दी लेकिन उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने बाद में इस निर्णय पर रोक लगा दी जिसके बाद नेताओं को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। सुब्रत मुखर्जी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील मणिशंकर चटर्जी ने कहा कि उच्च न्यायालय में जिन मुद्दों पर सुनवाई होगी उसे सोमवार को पांच न्यायाधीशों की पीठ ने नोट किया। उन्होंने कहा कि पांच न्यायाधीशों की पीठ ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख बुधवार तय की है।