By अंकित सिंह | Jun 26, 2023
भारत में मुसलमानों को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा दिए गए बयान को लेकर राजनीति स्थित होती दिखाई दे रही है। भाजपा बराक ओबामा के बयान के बाद से उन पर जबरदस्त तरीके से हमलावर है। वहीं, विपक्ष को मोदी सरकार से सवाल पूछने का बड़ा मौका मिल गया है। इन सब के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के बड़े मुस्लिम चेहरों में से एक मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि भारत में बिना भेदभाव के समाज के सभी वर्गों का विकास हो रहा है। आज देश में बेहतर स्थिति है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की टिप्पणी पर भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि आज समाज के सभी वर्गों का विकास हो रहा है। आज देश में सन 1984 जैसे दंगे नहीं हो रहे...आज समाज का सभी वर्ग सुरक्षा और समृद्धि के संकल्प को महसूस भी कर रहा है और उसका भागीदार भी बन रहा है। उन्होंने कहा कि अफसोस की बात है कुछ हमारे देश में भी ऐसे लोग हैं जो हमारे देश के बेहतरीन माहौल को खराब करने के लिए काम करते हैं लेकिन उस तमाम चीजों के बावजूद आज हमारे प्रधानमंत्री जी को दुनिया के तमाम देश सम्मानित कर रहे हैं और ये उनका सम्मान नहीं है बल्कि इस भारत की बढ़ती हुई शक्ति का सम्मान है।
ओबामा के बयान पर पलटवार करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि मुझे आश्चर्य हुआ जब प्रधानमंत्री मोदी ...सभी के सामने भारत के बारे में बात कर रहे थे, तब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति भारतीय मुस्लिमों को लेकर बयान दे रहे थे। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या उनके कार्यकाल (राष्ट्रपति रहते) में छह देशों, सीरिया, यमन, सऊदी, इराक और अन्य मुस्लिम देशों में बमबारी नहीं हुई? उन्होंने कहा कि हम अमेरिका के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं लेकिन वहां से यूएससीआईआरएफकी भारत में धार्मिक सहिष्णुता को लेकर टिप्पणी आई और पूर्व राष्ट्रपति कुछ और कह रहे हैं। मंत्री ने कहा कि यह देखना अहम है कि इसके पीछे कौन लोग हैं।
ओबामा ने बृहस्पतिवार को ‘सीएनएन’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा था, “यदि (अमेरिकी) राष्ट्रपति प्रधानमंत्री मोदी से मिलते हैं, तो हिंदू बहुसंख्यक भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का उल्लेख करना उचित है। अगर मेरी प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत हुई, जिन्हें मैं अच्छी तरह से जानता हूं, तो मेरे तर्क का एक हिस्सा यह होगा कि यदि आप भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करते हैं, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि भारत किसी बिंदु पर अलग-थलग होने लगेगा।