By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 03, 2020
नयी दिल्ली। कांग्रेस के किसान प्रकोष्ठ ने खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने के सरकार के फैसले को लेकर बुधवार को दावा किया कि यह मामूली बढ़ोतरी है जिससे कोरोना वायरस महामारी के समय मुश्किल का सामना कर रहे किसानों को कोई फायदा नहीं होगा। किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी ने यह भी कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि किसानों की उपज को सीधे एफसीआई खरीदे और इसमें बिचौलियों की कोई भूमिका नहीं हो। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जो पैकेज घोषित किया है उसमे कुछ भी नया नहीं है। एमएसपी हर साल बढ़ाई जाती है। लेकिन इस बार तो मामूली बढ़ोतरी की गई है। इससे आम किसानों को कोई लाभ नहीं होगा।’’
सोलंकी के मुताबिक, ‘‘सरकार ने यह भी कहा कि किसान अपने कर्ज की अदायगी 31 मई की जगह 31 अगस्त तक कर सकता है। क्या सरकार नहीं जानती कि अगली फसल की कटाई कब होगी ? जब फसल की कटाई होगी तभी किसानों के हाथ में पैसा आएगा और वह ऋण चुका सकेगा। ’’ गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 14 खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने को सोमवार को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल के निर्णयों के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि एमएसपी बढ़ाने से किसानों को लागत की तुलना में 50 से 83 प्रतिशत तक अधिक कीमत मिलना सुनिश्चित होगा।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि फसल वर्ष 2020-21 के लिये धान का एमएसपी 53 रुपये बढ़ाकर 1,868 रुपये प्रति क्विंटल करने की मंजूरी दी गयी। उन्होंने कहा था कि कपास का एमएसपी 260 रुपये बढ़ाकर 5,515 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।