By अंकित सिंह | Oct 07, 2023
मध्य प्रदेश के राजनीतिक दिलचस्पी होती दिखाई दे रही है। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस अपने-अपने दांव लगा रहे हैं। दोनों ओर से जुबानी जंग जारी है। इन सबके बीच वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लेकर भी संशय की स्थिति बरकरार है। इसका बड़ा कारण यह है कि शिवराज सिंह चौहान को अभी तक विधानसभा चुनाव के टिकट नहीं दिए गए हैं। इसके साथ ही पार्टी सामूहिक नेतृत्व में चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है। मध्य प्रदेश में शिवराज के मुकाबले जिन नेताओं को खड़ा किया जाता था और जो केंद्र की राजनीति करते थे, उन्हें राज्य के विधानसभा चुनाव के टिकट दे दिए गए हैं। ऐसे में शिवराज के भविष्य को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि, शिवराज सिंह चौहान भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा द्वारा साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शीर्ष पद से हटने की भविष्यवाणी की थी। अब इसी को लेकर शिवराज ने आम लोगों से सवाल पूछ लिया। शिवराज ने डिंडोरी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि मैं अच्छी सरकार चला रहा हूं या खराब। तो क्या इस सरकार को आगे जारी रहना चाहिए या नहीं? क्या मामा को मुख्यमंत्री बनना चाहिए या नहीं? उन्होंने जनसभा में मौजूद लोगों से यह भी पूछा कि क्या नरेन्द्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बने रहना चाहिए और क्या भाजपा को (राज्य और केंद्र में) सत्ता बरकरार रखनी चाहिए? इस पर, उपस्थित लोगों ने इन सभी प्रश्नों का सकारात्मक उत्तर दिया।
विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश के राजनीतिक हलकों में भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा चौहान को दरकिनार करने की अटकलें जोरों पर हैं। आगामी चुनावों के लिए भाजपा ने कई दिग्गज नेताओं को उम्मीदवार बनाया है और पार्टी के सत्ता बरकरार रखने की स्थिति में इन दिग्गजों को मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है। राज्य के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले चौहान को हाल ही में सार्वजनिक कार्यक्रमों और रैलियों के दौरान भावुक होते देखा गया है। हाल ही में अपने गृह क्षेत्र बुधनी में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में चौहान ने लोगों से पूछा कि क्या उन्हें चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं। बुधनी में मुख्यमंत्री ने महिलाओं से कहा था कि जब वह आसपास नहीं होंगे तो उन्हें ‘‘मेरे जैसे भाई’’ की याद आएगी। शुक्रवार को उज्जैन में आयोजित एक कार्यक्रम में चौहान ने कहा कि राजनीति की राह फिसलन भरी है और हर कदम पर फिसलने का डर है। उन्होंने इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले आध्यात्मिक नेताओं से यह सुनिश्चित करने के लिए आशीर्वाद मांगा कि वह ‘‘सदाचार के मार्ग पर चलते रहें।’’